
छत्तीसगढ़ के कर्रेगुट्टा हिल्स में चलाए गए 21 दिन के सघन सर्च ऑपरेशन में सुरक्षा बलों ने 31 माओवादियों को मार गिराने में सफलता पाई है। इस मुठभेड़ के दौरान 18 जवान घायल हुए, जिनमें से पांच को AIIMS ट्रामा सेंटर दिल्ली लाया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को इन बहादुर जवानों से मुलाकात की और उनकी स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा की।
अमित शाह ने जताया गर्व, कहा “देश को अपने वीरों पर नाज़”
AIIMS ट्रामा सेंटर में घायल जवानों से मिलने के बाद अमित शाह ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा, “सुरक्षा बल अपनी वीरता से माओवाद का नामोनिशान मिटा रहे हैं। देश को अपने जवानों पर पूरा भरोसा है और हम सभी को उन पर गर्व है।” उन्होंने ट्रामा सेंटर प्रशासन को बेहतर इलाज और देखभाल का निर्देश भी दिया।
कमांडो सर्च ऑपरेशन में मारे गए 31 माओवादी
यह अभूतपूर्व ऑपरेशन कर्रेगुट्टा हिल्स के जंगलों में 21 दिनों तक चला। इस अभियान में CRPF की कोबरा बटालियन , स्पेशल टास्क फोर्स (STF), डिस्ट्रिक्ट रिज़र्व गार्ड (DRG) शामिल थे। आइईडी ब्लास्ट और मुठभेड़ों के बीच जवानों ने साहसिक कार्य किया। 18 जवान घायल हुए, जिन्हें अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती किया गया है। डॉक्टरों ने सभी को खतरे से बाहर बताया है।
204 कोबरा बटालियन के सहायक कमांडेंट सागर बोराडे ने दिखाई वीरता
इस अभियान में 204 कोबरा बटालियन के सहायक कमांडेंट सागर बोराडे बुरी तरह घायल हो गए। उन्हें 4 मई को रायपुर से एयर लिफ्ट कर AIIMS ट्रामा सेंटर दिल्ली लाया गया।
मुठभेड़ के दौरान उन्होंने एक घायल जवान को बचाने के लिए अपनी जान की परवाह किए बिना उसे सुरक्षित निकालने की कोशिश की। इस दौरान हुए आईईडी ब्लास्ट में उनका बायां पैर गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया और संक्रमण से बचाने के लिए उसे काटना पड़ा। उनके बाएं हाथ में भी गहरी चोट आई है। डॉक्टरों की टीम लगातार उनकी निगरानी में है।
AIIMS ट्रामा सेंटर में भर्ती हैं पांच जवान
AIIMS के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि घायल जवानों की स्थिति स्थिर है और उनका इलाज विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम द्वारा किया जा रहा है। सभी को एयरलिफ्ट कर लाया गया था।
कर्रेगुट्टा हिल्स में चला यह ऑपरेशन एक बार फिर दर्शाता है कि हमारे सुरक्षा बल आंतरिक सुरक्षा के मोर्चे पर कितने सजग और साहसी हैं। सहायक कमांडेंट सागर बोराडे जैसे जवानों की शहादत और वीरता भारत की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा की सबसे बड़ी मिसाल है।