कंधे में लगातार दर्द हो रहा है? नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी, जानिए जरूरी जांच और संभावित कारण

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अगर आपको अक्सर कंधे में दर्द बना रहता है और वह ठीक होने का नाम नहीं ले रहा है, तो इसे हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है। बहुत से लोग इसे सामान्य थकान या मामूली चोट मानकर घरेलू उपाय करते रहते हैं, लेकिन यह दर्द कई बार किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत भी हो सकता है।

क्यों होता है कंधे में दर्द?

कंधे का दर्द आमतौर पर निम्न कारणों से हो सकता है:

  1. मांसपेशियों में खिंचाव
  2. गलत पॉश्चर में बैठना
  3. भारी सामान उठाना
  4. किसी चोट का असर

लेकिन यदि यह दर्द लगातार बना रहता है, तो इसके पीछे फ्रोजन शोल्डर, रोटेटर कफ इंजरी, सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस या हृदय संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं।

सावधान! ये लक्षण हैं गंभीर संकेत

  1. दर्द लगातार बना रहना
  2. हाथ उठाने में कठिनाई
  3. गर्दन या पीठ तक दर्द फैल जाना
  4. सोते समय दर्द बढ़ जाना
  5. हाथों में झुनझुनी या सुन्नपन

अगर ये लक्षण 7 से 10 दिनों से अधिक समय तक बने रहें, तो डॉक्टर से मिलकर सही जांच कराना जरूरी है।

कंधे के दर्द में कराएं ये जरूरी टेस्ट

एक्स-रे (X-ray):
हड्डियों में फ्रैक्चर या जोड़ में समस्या का पता लगाने के लिए पहला टेस्ट।

एमआरआई (MRI):
मांसपेशियों या लिगामेंट्स में चोट या खिंचाव की गहराई से जानकारी देता है। रोटेटर कफ इंजरी में खासकर मददगार।

अल्ट्रासाउंड:
एक सस्ता और त्वरित विकल्प जो मांसपेशियों, टेंडन और लिगामेंट्स की स्थिति दिखाता है।

ब्लड टेस्ट:
अगर दर्द का कारण इंफेक्शन या गठिया हो, तो CRP, ESR, और रूमेटॉयड फैक्टर जैसे टेस्ट से पुष्टि की जाती है।

नर्व कंडक्शन टेस्ट (NCV/EMG):
झुनझुनी या सुन्नपन होने पर नसों की स्थिति जांचने के लिए यह टेस्ट बेहद जरूरी है। यह बताता है कि कहीं कोई नस दबाव में तो नहीं है।

कब जाएं डॉक्टर के पास?
अगर दर्द एक सप्ताह से अधिक समय से बना हुआ है, या आपकी नींद, काम या दैनिक जीवन पर इसका असर पड़ रहा है, तो देरी न करें। समय पर जांच और उपचार से न केवल समस्या की जड़ तक पहुंचा जा सकता है, बल्कि जटिल सर्जरी या लंबे इलाज से भी बचा जा सकता है।

कंधे का दर्द हमेशा सामान्य नहीं होता। यह शरीर की ओर से दिया जा रहा एक चेतावनी संकेत हो सकता है। अगर समय रहते ध्यान दिया जाए, तो गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है