भारत बना दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सौर और पवन ऊर्जा उत्पादक देश, जर्मनी को छोड़ा पीछे

ग्लोबल एनर्जी थिंक टैंक एंबेर की हाल ही में प्रकाशित ग्लोबल इलेक्ट्रिसिटी रिव्यू 2024 रिपोर्ट के मुताबिक, भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सौर और पवन ऊर्जा उत्पादक देश बन गया है।

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भारत ने अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। ग्लोबल एनर्जी थिंक टैंक एंबेर की हाल ही में प्रकाशित ग्लोबल इलेक्ट्रिसिटी रिव्यू 2024 रिपोर्ट के मुताबिक, भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सौर और पवन ऊर्जा उत्पादक देश बन गया है। इस सूची में भारत ने जर्मनी को पछाड़ दिया है और अब केवल चीन और अमेरिका ही भारत से आगे हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने साल 2024 में वैश्विक सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन का 15 प्रतिशत योगदान दिया है। यह उपलब्धि भारत के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में लगातार हो रहे विकास और निवेश का परिणाम है।

विश्व स्तर पर वर्ष 2024 में कुल 858 टेरावाट घंटे (TWh) स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन हुआ, जो 2022 की तुलना में 49% अधिक है। इसमें सौर ऊर्जा ने 474 TWh के साथ सबसे बड़ा योगदान दिया। लगातार तीसरे साल सौर ऊर्जा बिजली का सबसे बड़ा स्रोत बनी रही और लगातार 20वें साल सबसे तेजी से बढ़ने वाला स्रोत बनी।

भारत में 2024 में कुल बिजली उत्पादन का 22 प्रतिशत स्वच्छ स्रोतों से हुआ, जिसमें जलविद्युत ऊर्जा: 8%, सौर और पवन ऊर्जा: 10% (सौर ऊर्जा अकेले 7%)

गौरतलब है कि भारत ने 2024 में 24 गीगावाट (GW) नई सौर क्षमता जोड़ी, जो कि 2023 की तुलना में दोगुने से भी अधिक है। यह वृद्धि भारत को चीन और अमेरिका के बाद तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा बाजार बनाती है।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 2024 में दुनिया की कुल 40.9% बिजली कम कार्बन वाले स्रोतों (नवीकरणीय और परमाणु ऊर्जा) से उत्पन्न हुई। यह 1940 के बाद पहली बार है जब परमाणु और नवीकरणीय ऊर्जा का संयुक्त हिस्सा इस आंकड़े को पार कर गया है।

भारत की यह उपलब्धि न सिर्फ देश की ऊर्जा आत्मनिर्भरता को मजबूत करती है, बल्कि वैश्विक जलवायु लक्ष्यों को पाने की दिशा में भी एक बड़ी छलांग है। यह दिखाता है कि भारत नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में न केवल तेजी से बढ़ रहा है, बल्कि नेतृत्व की भूमिका में भी आ रहा है।