
देश के प्रख्यात संत और अध्यात्मिक गुरु जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने हाल ही में सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी से मुलाकात के दौरान बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूं कि आपके कार्यकाल में ही पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) भारत का हिस्सा बन जाए।” उनके इस बयान ने राजनीतिक और सैन्य हलकों में चर्चा तेज कर दी है।
मुलाकात के दौरान जगद्गुरु ने भारतीय सेना की वीरता, शौर्य और राष्ट्र के प्रति समर्पण की सराहना करते हुए सेना प्रमुख को आशीर्वाद भी दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के पराक्रम और नेतृत्व में वह वह शक्ति है, जो भारत के भूभाग को पुनः एकीकृत कर सकता है।
सेना प्रमुख का संतुलित जवाब
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने इस अवसर पर कहा कि भारतीय सेना हर चुनौती के लिए तैयार है और देश की सुरक्षा, अखंडता व संप्रभुता को बनाए रखना सेना की सर्वोच्च प्राथमिकता है। हालांकि उन्होंने इस विषय पर कोई राजनीतिक टिप्पणी करने से परहेज़ किया।
राजनीतिक हलकों में हलचल
जगद्गुरु रामभद्राचार्य के इस बयान को कई राजनीतिक विश्लेषक राष्ट्रवाद और अखंड भारत की भावना से जोड़कर देख रहे हैं। वहीं कुछ विपक्षी नेताओं ने इसे एक संवेदनशील विषय बताया और कहा कि इस मुद्दे पर सतर्कता से बातचीत होनी चाहिए।
सामाजिक प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर भी यह बयान तेजी से वायरल हो गया है। कई लोगों ने इस पर समर्थन जताया तो कई ने कहा कि कूटनीतिक और वैश्विक परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए ऐसे विषयों पर संयम जरूरी है।
हालांकि यह पहली बार नहीं है जब POK को लेकर कोई बड़ा बयान आया हो, लेकिन जब यह बात एक प्रतिष्ठित धर्मगुरु की ओर से सेना प्रमुख के समक्ष कही जाए, तो उसका प्रभाव और व्यापकता स्वतः ही बढ़ जाती है।
इस मुलाकात ने न सिर्फ राष्ट्रीय अखंडता पर चर्चा को पुनर्जीवित किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि देश के साधु-संत भी राष्ट्र निर्माण की भावना से प्रेरित होकर अपनी भूमिका निभा रहे हैं।