अपराजिता के फूल से कैसे बनी ब्लू चाय, आइए दिखाते है साइंस का नीला जादू

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अपराजिता (Butterfly Pea / Clitoria ternatea) का नीला रंग सिर्फ सुंदर नहीं होता, इसके पीछे एक पूरा विज्ञान छुपा है।

गाँव में जिसे हम साधारण “नीलकमल” या “अपराजिता” मानते हैं, वही फूल आज दुनिया भर में “Blue Tea” के नाम से मशहूर है।

जानते है चाय में नीला रंग क्यों होता है?

इस फूल में Anthocyanins नाम का pigment मिलता है खासकर ternatins। यही पिगमेंट चाय को natural नीला रंग देता है। मज़े की बात ये रंग temprature और pH बदलते ही बदल भी जाता है।

नींबू डालते ही चाय बैंगनी क्यों हो जाती है?

क्योंकि एसिडिटी बढ़ते ही Anthocyanins का sturcture बदल जाता है।
दिमाग़ के लिए बूस्टर

अपराजिता में पाए जाने वाले Flavonoids brain function को support करते हैं।
जिसकी वजह से याददाश्त बेहतर होती है,
Stress कम होता है, फोकस बढ़ाने में मदद करती है। इसी वजह से इसे कई जगह “Brain Tonic” भी कहा जाता है।

Antioxidant का पावरहाउस

इस blue tea में भरपूर Proanthocyanidins और Catechins मिलते हैं, जो आपकी body में free radicals से लड़कर skin,heart और immunity तीनों को मजबूत बनाते हैं।

Zero Caffeine Pure Calmness

इस चाय में कैफीन नहीं होता है इसलिए इसे रात में भी पी सकते हैं। इससे नींद भी नहीं उड़ती है साथ ही दिमाग़ भी रिलैक्स होता है।

नेचुरल Detox Drink

Blue tea हल्की सी मूत्रवर्धक (diuretic) भी है,जो शरीर से toxins बाहर निकालने में मदद करती है।

चाय बनाने का तरीका

अपराजिता blue tea बनाने का सबसे आसान तरीका ये है कि एक कप हल्का गरम पानी लें, उसमें 5–6 सूखे या ताजे अपराजिता के फूल डालकर 3–4 मिनट के लिए छोड़ दें ताकि फूल अपना नीला रंग छोड़ दें, फिर फूल निकाल दें और चाहें तो थोड़ा शहद, नींबू या तुलसी डालकर तुरंत पी सकते है।

नोट: आजकल मार्केट में blue tea के नाम से कई सारी कंपनियों के tea bags भी मिल जाते है।

क्या आपने कभी पी है नीली चाय?