आज पूरे देश में दशहरा धूम-धाम से मनाया जा रहा है। लोग जोरो-शोरों से रावण दहन की तैयारी कर रहे हैं। इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। आज के दिन भगवान राम ने रावण का वध कर उसे मुक्ति दी थी। दशहरे के दिन मंदिरों को दुल्हन की तरह सजा दिया जाता है, रावण के पुतले बनाए जाते हैं और मेला लगता है। इतना ही नहीं नवरात्री में ही मंदिरों में ‘रामलीला’ शुरु हो जाती है जो दशहरे पर रावण दहन के साथ खत्म होती है।
रामलीला में पाकिस्तानी कलाकार लेते हैं हिस्सा
आप रामलीला तो देखने जाते ही होंगे। आपने आज तक तरह-तरह की रामलीला देखी होंगी पर हरियाणा के फरीदाबाद में होने वाली रामलीला की तरह कभी नहीं देखी होगी। यहां भी बड़े हर्षों-उल्हास के साथ रामलीला होती है, पर यहां कई खास चीजें आपको देखने को मिलेंगी जो पूरे देश में आपको कहीं नहीं मिलेंगी। दरअसल इस रामलीला में आपको हिंदी भाषा के साथ-साथ उर्दू भाषा का अनोठा संगम देखने को मिलेगा। इतना ही नहीं यहां की रामलीला में भारतीय कलाकारों के साथ-साथ पाकिस्तानी कलाकार भी हिस्सा लेते हैं।
सालों से की जा रही है यह ‘उर्दू रामलीला’
हरियाणा के फरीदाबाद में होनी वाली इस रामलीला को लोग ‘उर्दू रामलीला’ के नाम से भी जानते हैं। फरीदाबाद में यह रामलीला थिएटर ग्रुप द्वारा की जाती है। थिएटर ग्रुप के मालिक का कहना है कि इस तरह की रामलीलाएं उनके पूर्वज द्वारा शुरु की गई थी और अब वे इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।