उत्तराखंड स्थापना दिवस के 25 वर्ष पूरे होने पर दून में तैयारियां तेज, राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री की उपस्थिति की संभावना

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उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती (25 वर्ष) समारोह को यादगार बनाने की तैयारियां राजधानी दून में जोर-शोर से चल रही हैं। इस ऐतिहासिक अवसर पर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संभावित उपस्थिति को देखते हुए प्रशासनिक मशीनरी पूरी तरह सक्रिय हो गई है।

शुक्रवार को जिलाधिकारी सविन बंसल ने ऋषिपर्णा सभागार में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक ली और तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने सभी कार्यों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त कर स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

सौंदर्यीकरण और सुरक्षा पर विशेष जोर

डीएम बंसल ने लोक निर्माण विभाग, एमडीडीए, नगर निगम, विद्युत और वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के प्रस्तावित मार्ग पर सड़क सौंदर्यीकरण, सफाई, झूलती विद्युत लाइनों की मरम्मत और पेड़ों की लॉपिंग का कार्य समय पर पूरा किया जाए। वहीं, पेयजल निगम को कार्यक्रम स्थलों पर जलापूर्ति की निर्बाध व्यवस्था सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए।

सैन्यधाम लोकार्पण और प्रवासी सम्मेलन होंगे आकर्षण का केंद्र

रजत जयंती समारोह के मुख्य आकर्षणों में सैन्यधाम का लोकार्पण और प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन शामिल हैं। सैन्यधाम राज्य के गौरवशाली सैन्य इतिहास और शहीदों की स्मृति को समर्पित होगा, जो उत्तराखंड की शौर्य परंपरा और जनता की भावनाओं का प्रतीक माना जा रहा है।

हर दिन अलग थीम पर कार्यक्रम

रजत जयंती सप्ताह के दौरान प्रतिदिन अलग-अलग विषयों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इनमें नारी शक्ति दिवस, सुशासन दिवस, युवा खेल आयोजन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन, राज्य के बलिदानियों को नमन, और सांस्कृतिक विरासत से जुड़े आयोजन शामिल रहेंगे। नारी शक्ति दिवस पर स्वयं सहायता समूहों और एनआरएलएम समूहों द्वारा महिला उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।

प्रशासन का दावा – समय पर पूरी होंगी सभी तैयारियां

बैठक में सीडीओ अभिनव शाह, प्रभागीय वनाधिकारी नीरज शर्मा, अपर जिलाधिकारी केके मिश्रा, और पुलिस अधीक्षक नगर प्रमोद कुमार सहित कई विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। प्रशासन का कहना है कि सभी तैयारियां तय समय सीमा में पूरी की जाएंगी, ताकि उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस का 25वां वर्ष एक यादगार और गौरवपूर्ण अवसर बन सके।