बदरीनाथ धाम में तीन दिन में चार श्रद्धालुओं की मौत, प्रशासन सतर्क

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चारधाम यात्रा के पावन अवसर पर बदरीनाथ धाम में दर्शन को आए श्रद्धालुओं की लगातार हो रही मौतों ने प्रशासन और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सवालों के घेरे में ला दिया है। बीते तीन दिनों में चार श्रद्धालुओं की मौत हृदयगति रुकने के कारण हो चुकी है, जिससे पूरे क्षेत्र में चिंता का माहौल है।

छत्तीसगढ़ के श्रद्धालु की मौत

बृहस्पतिवार को छत्तीसगढ़ से आए आठ श्रद्धालुओं के दल में शामिल किशोर शाहू (63) को दर्शन के दौरान सीने में तेज़ दर्द की शिकायत हुई। पुलिस ने तत्काल उन्हें अस्पताल पहुँचाया, लेकिन उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। शव को वापस ले जाना परिजनों के लिए संभव नहीं था, जिसके बाद प्रशासन की अनुमति से धाम में ही अंतिम संस्कार किया गया।

एक दिन पहले भी हुई थी एक महिला श्रद्धालु की मृत्यु

बुधवार को ओमबाला निवासी अवबीस त्यागी (65) की भी हृदयगति रुकने से मौत हो गई थी। वहीं, मंगलवार को गुजरात के अहमदाबाद की भावना बेन और मध्यप्रदेश के संतोष प्रजापति की भी तबीयत बिगड़ने से जान चली गई थी।

तीन दिनों में लगातार हुई इन मौतों से यात्रियों में बेचैनी बढ़ रही है। उच्च हिमालयी क्षेत्र में ऑक्सीजन की कमी, अत्यधिक भीड़ और थकावट को मौतों की संभावित वजह माना जा रहा है।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. अभिषेक गुप्ता ने इस विषय पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है।

बदरीनाथ जैसे उच्च हिमालयी तीर्थस्थलों की यात्रा श्रद्धा का प्रतीक है, लेकिन स्वास्थ्य सतर्कता और प्रशासनिक तैयारी उतनी ही जरूरी है। प्रशासन और श्रद्धालुओं दोनों को यह सुनिश्चित करना होगा कि यात्रा केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सुरक्षित भी बनी रहे।