फैटी लिवर की समस्या? ये आयुर्वेदिक और प्राकृतिक उपाय ला सकते हैं राहत

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आधुनिक जीवनशैली, अनियमित खानपान और बढ़ता तनाव आजकल युवाओं में भी फैटी लिवर की समस्या को जन्म दे रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि समय रहते इस स्थिति को पहचान लिया जाए, तो बिना दवाओं के भी इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

एम्स के गैस्ट्रोलॉजिस्ट डॉ. अनन्य गुप्ता के मुताबिक, लिवर पर फैट जमने की प्रारंभिक अवस्था में यदि खानपान और जीवनशैली में सुधार किया जाए तो लिवर की कार्यक्षमता को फिर से सामान्य किया जा सकता है।

लिवर फैट के पीछे ये हैं बड़े कारण

फैटी लिवर की समस्या का सबसे बड़ा कारण शराब का अत्यधिक सेवन माना जाता है, लेकिन इसके अलावा ज्यादा वसायुक्त भोजन, शारीरिक गतिविधियों की कमी, मोटापा, मधुमेह और तनाव भी इसके अहम कारक हैं। लिवर पर वसा जमने से इसकी कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होने लगती हैं, जिससे शरीर के अन्य अंगों पर भी असर पड़ता है।

बिना दवा के कैसे करें लिवर फैट कम?

आयुर्वेद विशेषज्ञ के अनुसार, प्राकृतिक उपचारों की मदद से लिवर को फिर से स्वस्थ बनाया जा सकता है:-

हल्दी
प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट के रूप में हल्दी लिवर की सूजन और चर्बी को कम करती है। सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ एक चुटकी हल्दी का सेवन फायदेमंद होता है।

मिल्क थीस्ल
इसमें मौजूद सिलीमारिन नामक तत्व लिवर की कोशिकाओं को पुनर्जीवित करता है और विषैले तत्वों से बचाता है। इसे सप्लीमेंट के रूप में लिया जा सकता है।

ग्रीन टी एक्सट्रेक्ट
ग्रीन टी में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स लिवर में जमा वसा को कम करने में सहायक होते हैं। दिन में एक से दो बार ग्रीन टी का सेवन लाभदायक है।

जीवनशैली में जरूरी बदलाव

विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि फैटी लिवर की रोकथाम और उपचार के लिए निम्नलिखित आदतें अपनानी चाहिए:

नियमित व्यायाम करें – सप्ताह में कम से कम 5 दिन 30 मिनट पैदल चलना या योग करना लाभकारी है।

पर्याप्त नींद लें – हर रात कम से कम 7-8 घंटे की नींद जरूरी है।

शराब और वसायुक्त भोजन से परहेज करें।

चीनी, रेड मीट और प्रोसेस्ड फूड का सेवन सीमित करें।

समय रहते पहचानें संकेत

फैटी लिवर की शुरुआत में आमतौर पर कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखते, लेकिन थकान, पेट में भारीपन, भूख न लगना या वजन बढ़ना इसके शुरुआती संकेत हो सकते हैं। यदि अल्ट्रासाउंड या ब्लड टेस्ट से फैटी लिवर की पुष्टि हो जाती है, तो इसे लाइफस्टाइल बदलाव और आयुर्वेदिक उपचारों से नियंत्रित करना पूरी तरह संभव है।

फैटी लिवर का इलाज महंगी दवाओं में नहीं, बल्कि हमारी थाली और दिनचर्या में छुपा है। यदि समय रहते सही उपाय अपनाए जाएं तो लिवर की सेहत को लंबे समय तक बनाए रखना आसान हो सकता है।