
इसे सेव कर सुरक्षित कर लें, ऐसी पोस्ट कम ही आती है.याद रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें : जो आपको हमेशा स्वस्थ और सेहतमंद रखेंगी :-
सेहतमंद रहना हर किसी की चाहत होती है। इसके लिए रसोई में मौजूद आसान और घरेलू नुस्खे बड़े काम आ सकते हैं। अगर दूध नहीं पचता है तो सौंफ का सेवन करने से पाचन में मदद मिलती है। दही पचाने में सोंठ फायदेमंद रहती है। वहीं, छाछ को पचाने के लिए जीरा और काली मिर्च का सेवन करना अच्छा होता है। अरबी और मूली खाने के बाद अजवायन का सेवन करने से पेट की समस्या नहीं होती। कढ़ी पचाने के लिए उसमें कढ़ी पत्ता डालकर पकाना बेहद लाभकारी होता है।
◆ तेल हमेशा गाढ़ा खाना चाहिएं सिर्फ लकडी वाली घाणी का , दूध हमेशा पतला पीना चाहिए।
◆ छिलके वाली दाल-सब्जियों से कोलेस्ट्रोल हमेशा घटता है।
◆ कोलेस्ट्रोल की बढ़ी हुई स्थिति में इन्सुलिन खून में नहीं जा पाता है। ब्लड शुगर का सम्बन्ध ग्लूकोस के साथ नहीं अपितु कोलेस्ट्रोल के साथ है।
◆ मिर्गी दौरे में अमोनिया या चूने की गंध सूँघानी चाहिए।
◆ सिरदर्द में एक चुटकी नौसादर व अदरक का रस रोगी को सुंघायें।
भोजन के पहले मीठा खाने से बाद में खट्टा खाने से शुगर नहीं होता है।
◆ भोजन के आधे घंटे पहले सलाद खाएं उसके बाद भोजन करें।
◆ अवसाद में आयरन , कैल्शियम , फास्फोरस की कमी हो जाती है । फास्फोरस गुड और अमरुद में अधिक है।
◆ पीले केले में आयरन कम और कैल्शियम अधिक होता है । हरे केले में कैल्शियम थोडा कम लेकिन फास्फोरस ज्यादा होता है तथा लाल केले में कैल्शियम कम आयरन ज्यादा होता है । हर हरी चीज में भरपूर फास्फोरस होती है, वही हरी चीज पकने के बाद पीली हो जाती है जिसमे कैल्शियम अधिक होता है।
◆ छोटे केले में बड़े केले से ज्यादा कैल्शियम होता है।
◆ रसौली की गलाने वाली सारी दवाएँ चूने से बनती हैं।
◆ हेपेटाइट्स A से E तक के लिए चूना बेहतर है ।
◆ एंटी टिटनेस के लिए हाईपेरियम 200 की दो-दो बूंद 10-10 मिनट पर तीन बार दे।
◆ ऐसी चोट जिसमे खून जम गया हो उसके लिए नैट्रमसल्फ दो-दो बूंद 10-10 मिनट पर तीन बार दें । बच्चो को एक बूंद पानी में डालकर दें।
◆ मोटे लोगों में कैल्शियम की कमी होती है अतः त्रिफला दें । त्रिकूट ( सोंठ+कालीमिर्च+ मघा पीपली ) भी दे सकते हैं ।
◆ अस्थमा में नारियल दें। नारियल फल होते हुए भी क्षारीय है। दालचीनी + गुड + नारियल दें ।
◆ चूना बालों को मजबूत करता है तथा आँखों की रोशनी बढाता है ।
◆ दूध का सर्फेसटेंसेज कम होने से त्वचा का कचरा बाहर निकाल देता है ।
◆ गाय की घी सबसे अधिक पित्तनाशक फिर कफ व वायुनाशक है ।
◆ जिस भोजन में सूर्य का प्रकाश व हवा का स्पर्श ना हो उसे नहीं खाना चाहिए।
◆ गौ-मूत्र अर्क आँखों में ना डालें।
◆ गाय के दूध में घी मिलाकर देने से कफ की संभावना कम होती है लेकिन चीनी मिलाकर देने से कफ बढ़ता है।
◆ रात में आलू खाने से वजन बढ़ता है ।
◆ भोजन के बाद बज्रासन में बैठने से वात नियंत्रित होता है।
◆ भोजन के बाद कंघी करें कंघी करते समय आपके बालों में कंघी के दांत चुभने चाहिए । बाल जल्द सफ़ेद नहीं होगा ।
◆ अजवाईन अपान वायु को बढ़ा देता है जिससे पेट की समस्यायें कम होती है
◆ अगर पेट में मल बंध गया है तो अदरक का रस या सोंठ का प्रयोग करें
◆ कब्ज होने की अवस्था में सुबह पानी पीकर कुछ देर एडियों के बल चलना चाहिए ।
◆ रास्ता चलने, श्रम कार्य के बाद थकने पर या धातु गर्म होने पर दायीं करवट लेटना चाहिए ।
◆ जो दिन मे दायीं करवट लेता है तथा रात्रि में बायीं करवट लेता है उसे थकान व शारीरिक पीड़ा कम होती है ।
◆ बिना कैल्शियम की उपस्थिति के कोई भी विटामिन व पोषक तत्व पूर्ण कार्य नहीं करते है ।
◆ स्वस्थ्य व्यक्ति सिर्फ 5 मिनट शौच में लगाता है।
◆ भोजन करते समय डकार आपके भोजन को पूर्ण और हाजमे को संतुष्टि का संकेत है ।
◆ सुबह के नाश्ते में फल , दोपहर को दही व रात्रि को दूध का सेवन करना चाहिए ।
◆ रात्रि को कभी भी अधिक प्रोटीन वाली वस्तुयें नहीं खानी चाहिए । जैसे – दाल , पनीर , राजमा , लोबिया आदि ।
◆ शौच और भोजन के समय मुंह बंद रखें , भोजन के समय टी वी ना देखें ।
◆ जो बीमारी जितनी देर से आती है , वह उतनी देर से जाती भी है ।
◆ जो बीमारी अंदर से आती है , उसका समाधान भी अंदर से ही होना चाहिए ।
◆ एलोपैथी ने एक ही चीज दी है , दर्द से राहत । आज एलोपैथी की दवाओं के कारण ही लोगों की किडनी , लीवर , आतें , हृदय ख़राब हो रहे हैं । एलोपैथी एक बिमारी खत्म करती है तो दस बिमारी देकर भी जाती है ।
◆ खाने की वस्तु में कभी भी ऊपर से नमक नहीं डालना चाहिए , ब्लड-प्रेशर बढ़ता है ।
◆ रंगों द्वारा चिकित्सा करने के लिए इंद्रधनुष को समझ लें , पहले जामुनी , फिर नीला ….. अंत में लाल रंग ।
◆ छोटे बच्चों को सबसे अधिक सोना चाहिए , क्योंकि उनमें वह कफ प्रवृति होती है , स्त्री को भी पुरुष से अधिक विश्राम करना चाहिए
◆ जो सूर्य निकलने के बाद उठते हैं , उन्हें पेट की भयंकर बीमारियां होती है , क्योंकि बड़ी आँत मल को चूसने लगती है ।
◆ बिना शरीर की गंदगी निकाले स्वास्थ्य शरीर की कल्पना निरर्थक है , मल-मूत्र से 5% , कार्बन डाई ऑक्साइड छोड़ने से 22 %, तथा पसीना निकलने लगभग 70 % शरीर से विजातीय तत्व निकलते हैं ।
◆ चिंता , क्रोध , ईर्ष्या करने से गलत हार्मोन्स का निर्माण होता है जिससे कब्ज , बबासीर , अजीर्ण , अपच , रक्तचाप , थायरायड की समस्या उतपन्न होती है ।
◆ गर्मियों में बेल , गुलकंद , तरबूजा , खरबूजा व सर्दियों में सफ़ेद मूसली , सोंठ का प्रयोग करें ।
◆ प्रसव के बाद माँ का पीला दूध बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता को 10 गुना बढ़ा देता है ।
◆ दुनिया में कोई चीज व्यर्थ नहीं , हमें उपयोग करना आना चाहिए।