
उत्तर भारत में ठंड के तेवर आने वाले दिनों में और तीखे होने वाले हैं। मौसम विभाग के अनुसार सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ पहाड़ी इलाकों की ओर बढ़ रहा है, जिसके चलते तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बर्फबारी की संभावना जताई गई है। वहीं मैदानी राज्यों में शीतलहर की स्थिति बन सकती है, जिससे सुबह और रात का तापमान तेजी से नीचे जाने के आसार हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से हवाओं की दिशा व गति में बदलाव होगा, जिसका असर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में अधिक देखने को मिल सकता है। घना कोहरा बढ़ने की संभावना है, जिसका असर यातायात और आम जनजीवन पर पड़ेगा। तापमान में 2 से 4 डिग्री तक की गिरावट संभव बताई जा रही है।
उधर दक्षिण भारत में चक्रवात दित्वाह का प्रभाव जारी है। तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के दक्षिणी हिस्सों में अगले 48 घंटों में भारी से अतिभारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है। समुद्र में तेज लहरें उठने की संभावना को देखते हुए मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।
बारिश से जलभराव, पेड़ गिरने और बिजली आपूर्ति बाधित होने जैसी स्थितियों की आशंका के मद्देनजर राज्य सरकारें अलर्ट पर हैं। प्रशासन को राहत व बचाव कार्यों के लिए तैयार रहने के निर्देश जारी किए गए हैं। मौसम विभाग का अनुमान है कि दक्षिण भारत में बारिश का दौर कुछ और दिन जारी रहेगा।
ऐसे में देश के दोनों क्षेत्रों में लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। उत्तर भारत में ठंड से बचाव के उपाय अपनाने जरूरी होंगे, जबकि दक्षिण भारत में भारी बारिश के दौरान गैर-ज़रूरी यात्राओं से बचना बेहतर रहेगा।













