हरियाणा में बिजली संकट ने आम लोगों का बुरा हाल कर दिया है तो उद्योग भी इससे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। बिजली कटौती के कारण राज्य के उद्योग जगत का बुरा हाल है।फैक्ट्रियों में में नाइट शिफ्ट का ‘स्विच ऑफ’ हो गया है और तीन शिफ्टों में चलने वाली फैक्ट्रियों में सिर्फ दो शिफ्ट में उत्पादन कर रही हैं। नाइट शिफ्ट में काम लगभग बंद हो चुका है। घोषित के अलावा अघोषित बिजली कटौती के कारण भी उद्योग प्रभावित हो रहे हैं। 40 से 70 प्रतिशत तक उत्पादन गिर गया है और हजारों लोगों का रोजगार छिन गया है। समय पर आर्डर सप्लाई न होने से उदोगपतियों को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है।
बिजली कमी के चलते प्रदेश में रोजाना उद्योगों पर 14 लाख यूनिट के कट लगाए जा रहे हैं। घोषित रूप से बिजली निगम उद्योगों में 6 से 8 घंटे के कट लगा रहा है लेकिन कई जगह अघोषित कट भी लगाए जा रहे हैं। बिजली नही मिलने की वजह से फरीदाबाद, गुरुग्राम, बहादुरगढ़, राई, करनाल, पानीपत और पंचकूला स्थित औद्योगिक क्षेत्रों में लक्ष्य से कम उत्पादन हो पा रहा है।बता दे कि हरियाणा को बिजली संकट से निजात दिलाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल दिल्ली पहुंच गए हैं। उन्होंने शुक्रवार को केंद्रीय विद्युत, नव एवं नवीनीकरण ऊर्जा मंत्री राजकुमार सिंह से मुलाकात की। बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा को 15 मई से पहले 1000 मेगावाट और बिजली मिल जाएगी।
टेक्सटाइल सिटी पानीपत में एक शिफ्ट में काम पूरी तरह से बंद
टेक्सटाइल सिटी पानीपत में एक शिफ्ट में काम पूरी तरह से बंद हो गया है। 15 लाख मीटर कपड़ा उत्पादन ठप है। करीब 30 हजार लोगों का रोजगार छिन गया है। कामगार भी अपने घर की ओर जाने लगे हैं। दरअसल, पांच सौ किलोवाट का जनरेटर चलाने पर एक रात में एक लाख रुपये का डीजल खर्च हो जाता है। वहीं, बिजली से सिर्फ 20 हजार रुपये का खर्च आता है। यानी, सीधे-सीधे 80 हजार का खर्च बढ़ गया है। इसलिए फैक्ट्रियों में बंद होने लगी हैं। पोलर के 50 प्लांट बंद हैं। मिंक के 125 प्लांट बंद हैं। थ्रीडी बेडशीट की 125 फैक्ट्रियों में बंद हैं। इसी तरह पर्दा, सोफा कवर की फैक्ट्रियों में भी नहीं चल रहीं।