दिनभर डकार और गैस की समस्या को न करें नजरअंदाज, जानें इससे बचने के उपाय

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अक्सर लोग दिनभर डकार लेते रहते हैं या बार-बार गैस पास होती है और इसे सामान्य मानकर नजरअंदाज कर देते हैं। हालांकि, अगर यह समस्या लगातार बनी रहती है और जरूरत से ज्यादा हो रही है, तो यह आपके पाचन तंत्र की गड़बड़ी का संकेत हो सकता है। यह समस्या खराब डाइजेशन, एसिड रिफ्लक्स, गुड बैक्टीरिया की कमी या फूड इनटोलरेंस के कारण हो सकती है। अनहेल्दी लाइफस्टाइल और गलत खानपान इस परेशानी को और बढ़ा सकते हैं। अगर आपको दिनभर गैस बनने, डकार आने या पेट भारी रहने की शिकायत रहती है, तो आपको अपने आहार और जीवनशैली पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि यह आगे चलकर गंभीर बीमारियों का रूप ले सकती है।

क्या कारण हो सकते हैं लगातार गैस और डकार के?

अगर दिनभर डकार और गैस की समस्या हो रही है, तो इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। सबसे पहली वजह खराब पाचन तंत्र है, जो पेट में फूड को ठीक से नहीं पचने देता और गैस बनने की समस्या को जन्म देता है। शरीर में गुड बैक्टीरिया की कमी भी इसका एक कारण हो सकती है, क्योंकि ये बैक्टीरिया भोजन को सही तरीके से पचाने में मदद करते हैं। इसके अलावा, कुछ लोगों को लैक्टोज इनटोलरेंस होता है, यानी वे दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स को ठीक से नहीं पचा पाते, जिससे पेट में गैस बनने लगती है। इसी तरह, ग्लूटन इनटोलरेंस भी एक समस्या हो सकती है, जहां गेहूं और अन्य ग्लूटन युक्त फूड्स का सेवन करने से पेट खराब हो सकता है।

इसके अलावा, जब हम जल्दी-जल्दी खाते हैं और भोजन को अच्छे से नहीं चबाते, तो हमारे साथ हवा भी पेट में चली जाती है, जिससे पेट फूलना और डकार आना शुरू हो जाता है। ज्यादा मात्रा में प्रोसेस्ड फूड्स और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स लेने से भी गैस की समस्या बढ़ सकती है। अगर कोई व्यक्ति एसिड रिफ्लक्स या पेट में जलन से परेशान है, तो इसका सीधा असर पाचन तंत्र पर पड़ता है, जिससे डकार और गैस की समस्या अधिक हो सकती है।

कैसे पाएं इस समस्या से छुटकारा?

अगर आप बार-बार डकार लेने और गैस बनने की समस्या से परेशान हैं, तो आपको अपने खानपान और जीवनशैली में कुछ अहम बदलाव करने की जरूरत है। सबसे पहले, खाने को अच्छी तरह से चबाना बेहद जरूरी है, क्योंकि जब भोजन सही से चबाया जाता है, तो पाचन क्रिया बेहतर तरीके से काम करती है और गैस बनने की संभावना कम हो जाती है। बड़े फूड पार्टिकल्स को पचाने में शरीर को अधिक समय लगता है और यही कारण है कि बिना चबाए खाना खाने से पेट में गैस बनने लगती है।

दूसरा महत्वपूर्ण कदम गैस बनाने वाले फूड्स से बचना है। कुछ सब्जियां और दालें, जैसे गोभी, ब्रोकली, राजमा और चने, पेट में अधिक गैस बना सकती हैं, इसलिए इनका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। प्रोसेस्ड और पैकेट वाले फूड्स से दूर रहना भी जरूरी है, क्योंकि इनमें प्रिजर्वेटिव्स होते हैं जो पाचन को प्रभावित कर सकते हैं। ज्यादा मीठा खाना, सोडा वाली ड्रिंक्स पीना और चाय-कॉफी का अधिक सेवन करने से भी बचना चाहिए, क्योंकि ये चीजें पेट में एसिडिटी और गैस की समस्या को बढ़ा सकती हैं।

अगर आपको लैक्टोज इनटोलरेंस है, तो डेयरी प्रोडक्ट्स को डाइट से हटाना फायदेमंद हो सकता है। बहुत से लोग बिना यह जाने ही दूध, पनीर, और अन्य डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करते रहते हैं, जिससे उन्हें डकार और गैस की समस्या बनी रहती है। ऐसे लोगों को सोया मिल्क, नारियल दूध या लैक्टोज-फ्री प्रोडक्ट्स का विकल्प अपनाना चाहिए।

इसके अलावा, प्रोबायोटिक और फाइबर रिच फूड्स का सेवन पाचन तंत्र के लिए बहुत फायदेमंद होता है। प्रोबायोटिक्स यानी नेचुरल फर्मेंटेड फूड्स, जैसे दही, छाछ, अचार और किमची, आंतों में गुड बैक्टीरिया की संख्या को बढ़ाते हैं, जिससे गैस और डकार की समस्या कम होती है। फाइबर रिच फूड्स जैसे फल, सब्जियां और होल ग्रेन्स खाने से पेट साफ रहता है, लेकिन ध्यान रहे कि बहुत ज्यादा फाइबर भी कब्ज और गैस की समस्या पैदा कर सकता है।

कुछ घरेलू उपाय जो दिला सकते हैं राहत

अगर आपको बार-बार गैस बनने की समस्या होती है, तो आप सौंफ और अदरक की चाय पी सकते हैं। सौंफ और अदरक दोनों ही पाचन तंत्र को दुरुस्त रखते हैं और गैस, ब्लोटिंग और एसिडिटी से राहत दिलाते हैं। इसके अलावा, गर्म पानी पीना भी एक अच्छा उपाय है, क्योंकि यह पेट को डिटॉक्स करने और गैस को बाहर निकालने में मदद करता है।

मेंटल हेल्थ और स्ट्रेस भी हो सकते हैं वजह

पाचन क्रिया को प्रभावित करने में मानसिक स्वास्थ्य का भी बड़ा योगदान होता है। अगर आप ज्यादा तनाव में रहते हैं, तो इसका सीधा असर आपके गट बैक्टीरिया पर पड़ता है, जिससे डाइजेशन सही से नहीं हो पाता। स्ट्रेस को कम करने के लिए मेडिटेशन और ब्रीदिंग एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। माइंडफुल ईटिंग, यानी ध्यान लगाकर और शांति से खाने की आदत डालने से भी पाचन में सुधार हो सकता है।

कब लें मेडिकल हेल्प?

अगर आपने खानपान में बदलाव कर लिया है, फिर भी गैस और डकार की समस्या लगातार बनी हुई है, तो इसे हल्के में न लें। यह आईबीएस (इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम), एसिड रिफ्लक्स, या किसी फूड एलर्जी का संकेत हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर से परामर्श लें और जरूरी टेस्ट करवाएं, ताकि सही कारणों का पता चल सके और समय पर इलाज किया जा सके।

गैस और डकार की समस्या को हल्का नहीं लेना चाहिए, क्योंकि यह खराब पाचन तंत्र और अन्य गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकती है। सही खानपान, स्ट्रेस मैनेजमेंट और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। अगर समस्या बनी रहती है, तो डॉक्टर की सलाह लेना बेहद जरूरी है, ताकि आगे किसी गंभीर परेशानी से बचा जा सके।