
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को राज्य के संत-महात्माओं ने गुरुवार को विशेष समारोह में “देवभूमि के धर्म संरक्षक” की उपाधि से सम्मानित किया। यह सम्मान उन्हें सनातन परंपराओं की रक्षा, धार्मिक स्थलों के विकास और आस्था से जुड़ी व्यवस्थाओं को सशक्त बनाने में उनके योगदान के लिए प्रदान किया गया।
यह समारोह हरिद्वार स्थित परमार्थ निकेतन आश्रम में आयोजित किया गया, जहां देशभर के प्रमुख अखाड़ों और मठों के संतों ने मुख्यमंत्री धामी को आशीर्वाद दिया। संतों ने कहा कि धामी ने देवभूमि की मर्यादा, संस्कृति और धार्मिक परंपराओं को सहेजने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। उनके नेतृत्व में चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं में अभूतपूर्व सुधार हुआ है, जिससे तीर्थाटन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिली है और धर्मनगरी हरिद्वार की गरिमा और बढ़ी है।
मुख्यमंत्री धामी ने सम्मान ग्रहण करते हुए कहा कि यह सम्मान केवल उनका नहीं, बल्कि पूरे उत्तराखंड के लोगों का है, जो देवभूमि की आध्यात्मिक परंपराओं को जीवित रखते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य उत्तराखंड को “आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समृद्धि” की दिशा में आगे ले जाना है।
धामी ने संतों से आशीर्वाद प्राप्त करते हुए आश्वासन दिया कि सरकार सनातन संस्कृति के संरक्षण और धर्मस्थलों के विकास के लिए निरंतर कार्य करती रहेगी। उन्होंने चारधाम यात्रा मार्गों के विस्तार, गंगा स्वच्छता अभियान और तीर्थ स्थलों पर सुविधाओं के विस्तार जैसे कार्यों का भी उल्लेख किया।
कार्यक्रम में स्वामी चिदानंद सरस्वती, स्वामी अवधेशानंद गिरि, महामंडलेश्वर हरिचेतनानंद सहित कई प्रतिष्ठित संत उपस्थित रहे। उन्होंने मुख्यमंत्री को पारंपरिक अंगवस्त्र, रुद्राक्ष माला और शॉल भेंट कर सम्मानित किया।
संत समाज ने विश्वास जताया कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में देवभूमि उत्तराखंड अपनी आध्यात्मिक पहचान को और सशक्त करेगी तथा धर्म और विकास के बीच संतुलन का आदर्श प्रस्तुत करेगी।











