
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को यमुनोत्री हाईवे पर सिलाई बैंड, ओजरी और स्यानाचट्टी सहित भूस्खलन और बादल फटने से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई निरीक्षण किया। उन्होंने हालात का जायजा लेते हुए शासन और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा राहत एवं पुनर्वास कार्यों को युद्धस्तर पर और धरातल पर प्रभावी तरीके से अंजाम दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता दी जाएगी और कोई भी व्यक्ति राहत से वंचित नहीं रहना चाहिए। उन्होंने आपदा से निपटने के लिए सक्रियता, समन्वय और संवेदनशीलता के साथ कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया।
बादल फटने की घटना में कई लापता
बीते 28 जून को यमुनोत्री हाईवे पर सिलाई बैंड के पास बादल फटने से एक निजी होटल के टिनशेड और पलाई के अस्थायी कमरों में रह रहे मजदूर मलबे में बह गए थे। 20 मजदूरों को सुरक्षित बचा लिया गया, जबकि नौ लोग लापता हुए, जिनमें से दो के शव बरामद हो चुके हैं और सात की तलाश जारी है।
यमुनोत्री हाईवे अब भी बाधित
ओजरी में यमुनोत्री हाईवे का हिस्सा बह जाने से आवाजाही पर अब भी रोक बनी हुई है। एनएच विभाग की ओर से 24 मीटर लंबे स्पान पुल का निर्माण युद्धस्तर पर जारी है, ताकि यातायात बहाल किया जा सके।
बैली ब्रिज और जल निकासी पर निगरानी
मुख्यमंत्री ने ओजरी में निर्माणाधीन बैली ब्रिज तथा स्यानाचट्टी में झील के मुहाने को खोलने के कार्यों का भी जायजा लिया। अधिकारियों से राहत और बचाव की अद्यतन जानकारी ली। उन्होंने आदेश दिए कि स्थलीय निरीक्षण नियमित रूप से किया जाए और इसकी रिपोर्ट उन्हें सौंपें।
इस निरीक्षण के दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट भी मुख्यमंत्री के साथ मौजूद रहे। मुख्यमंत्री के दौरे से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में तेजी आने की उम्मीद जताई जा रही है।