
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय परीक्षा पेपर लीक मामले में सीबीआई ने पहली गिरफ्तारी करते हुए असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन चौहान को गिरफ्तार कर लिया है। शुक्रवार को हुई इस कार्रवाई को जांच का महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है। सीबीआई ने सुमन को मुख्य आरोपी खालिद के लिए प्रश्नपत्र हल करने और पूरे षड्यंत्र में शामिल होने के आरोप में पकड़ा।
कैसे हुआ था पेपर लीक?
यह मामला 21 सितंबर को आयोजित UKSSSC स्नातक स्तरीय परीक्षा से जुड़ा है। परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्र का एक स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद बेरोजगार संघ ने पेपर लीक का आरोप लगाते हुए हंगामा किया और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
जांच में खुलासा हुआ कि पेपर हरिद्वार जिले के बहादरपुर जट स्थित परीक्षा केंद्र से लीक हुआ।
- परीक्षार्थी खालिद अपने साथ छिपा हुआ मोबाइल फोन ले गया था।
- परीक्षा के दौरान उसने प्रश्नपत्र की फोटो खींचकर अपनी बहन साबिया को भेजी।
- साबिया ने यह फोटो असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन चौहान को भेज दीं, जिन्होंने खालिद के लिए प्रश्न हल किए।
दून पुलिस पहले ही खालिद और साबिया को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज चुकी है।
पहले छोड़ा गया था, अब गिरफ्तारी क्यों?
सुमन चौहान टिहरी गढ़वाल के शहीद श्रीमती हंसा धनई राजकीय महाविद्यालय में सहायक प्रोफेसर थीं। 22 सितंबर को पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। उस समय प्रारंभिक जांच में यह माना गया कि सुमन को पता नहीं था कि भेजा गया प्रश्नपत्र प्रतियोगी परीक्षा से जुड़ा है। सहयोग के आधार पर उन्हें छोड़ दिया गया था।
लेकिन सीबीआई की प्राथमिक जांच में यह सामने आया कि सुमन पूरे पेपर लीक षड्यंत्र में प्रत्यक्ष रूप से शामिल थीं और जानबूझकर खालिद के लिए प्रश्न हल कर रही थीं। इसी आधार पर सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार किया और स्पेशल जज सीबीआई की अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
युवाओं के आंदोलन के बाद हुई सीबीआई जांच
पेपर लीक प्रकरण के खिलाफ युवाओं ने आठ दिनों तक धरना प्रदर्शन किया, जिसके बाद दबाव बढ़ने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं प्रदर्शन स्थल पहुंचे और सीबीआई जांच की संस्तुति की। सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद सीबीआई ने 26 अक्टूबर को केस अपने हाथ में लेते हुए एफआईआर दर्ज की।
सीबीआई की इस पहली गिरफ्तारी के बाद माना जा रहा है कि जांच और गहराएगी और कई और नाम सामने आ सकते हैं। जांच एजेंसी आगामी दिनों में पेपर लीक की पूरी चेन और आर्थिक लेन-देन से जुड़े पहलुओं पर भी फोकस करेगी।













