कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने दिया इस्तीफा, क्षेत्रवाद पर बयान से मचा सियासी घमासान

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उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने रविवार को अपने सरकारी आवास में प्रेसवार्ता कर यह घोषणा की और बाद में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपना त्यागपत्र सौंपा। मुख्यमंत्री ने अग्रवाल का इस्तीफा राज्यपाल को अग्रिम कार्रवाई के लिए भेज दिया है।

विवादित बयान के बाद बढ़ा दबाव

फरवरी में हुए बजट सत्र के दौरान क्षेत्रवाद पर दिए बयान के कारण प्रेमचंद अग्रवाल विवादों में घिर गए थे। इस बयान पर तीखी राजनीतिक प्रतिक्रिया हुई, जिससे भाजपा को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा। हालात इतने बिगड़ गए कि पार्टी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने उन्हें मुख्यालय बुलाकर स्पष्टीकरण भी मांगा। हालांकि, उन्होंने सदन के भीतर और बाहर अपने बयान पर खेद जताया, लेकिन सियासी हलचल कम नहीं हुई।

राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि के बाद दिया इस्तीफा

इस्तीफे से पहले प्रेमचंद अग्रवाल अपनी पत्नी के साथ रामपुर तिराहा स्थित शहीद स्मारक पहुंचे और राज्य आंदोलनकारी शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद अपने सरकारी आवास पहुंचे और प्रेसवार्ता में भावुक होकर इस्तीफे की घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि उनके जैसे व्यक्ति को यह साबित करना पड़ रहा है कि उन्होंने उत्तराखंड के लिए क्या योगदान दिया।

राजनीतिक सफर पर एक नजर

प्रेमचंद अग्रवाल 2007 में पहली बार विधायक बने और तब से लगातार चार बार चुनाव जीत चुके हैं। वे 2017 में उत्तराखंड विधानसभा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

धामी सरकार में पहले ही चार मंत्री पद रिक्त थे, अब प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद पांचवीं सीट भी खाली हो गई है।माना जा रहा है कि इस स्थिति में मंत्रिमंडल में फेरबदल हो सकता है। अब देखना होगा कि भाजपा नेतृत्व इस राजनीतिक घटनाक्रम के बाद कौन से नए चेहरे को सरकार में शामिल करता है।