मनीष गुप्ता हत्याकांड के मुख्य आरोपी के घर पर चला बुलडोजर

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लखनऊ: गोरखपुर के होटल कृष्णा पैलेस में कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की हत्या के मुख्य आरोपी तत्कालीन इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह के लखनऊ आवास पर रविवार को बुलडोजर छोड़ा गया। जगत नारायण हत्या के आरोपी पांच अन्य पुलिसकर्मियों के साथ जेल में है। आरोपित ने एक निर्दोष व्यापारी की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।

इस हत्याकांड में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। जगत नारायण ने लखनऊ के चिनहट स्थित सतरिख रोड पर अवैध घर बनाया था। लखनऊ विकास प्राधिकरण ने रविवार को एक अवैध मकान पर बुलडोजर चलाकर तोड़फोड़ की। हालांकि, एलडीए द्वारा घर को पूरी तरह से ध्वस्त नहीं किया गया था। घर की दीवारों को चारों तरफ से तोड़ दिया गया।

घर की छत और खंभे अभी भी सुरक्षित हैं। निलंबित निरीक्षक ने भवन को किराए पर देने के उद्देश्य से बनवाया था। हर कमरे में एक किचन और एक शौचालय था। कार्रवाई से पहले ताला तोड़ने के बाद परिसर के हर कमरे में देखा गया कि अंदर कोई व्यक्ति नहीं है। इसके बाद एलएवीपी उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी के आदेश पर प्रवर्तन जोन-1 के अंचल अधिकारी/निर्धारित प्राधिकारी अमित राठौर के नेतृत्व में कार्रवाई की गयी। इस दौरान कई थानों के पुलिस व पीएसी भी मौजूद रहे।

लविप्रा ने कार्रवाई करने से पहले अनाधिकृत निर्माण के संबंध में 12 अक्टूबर 2021 को 18 अक्टूबर 2021 को केस संख्या 385/2021 दर्ज किया था। ध्वस्त मकान में कुल 10 कमरे थे, जिसकी कीमत करीब एक करोड़ रुपए बताई जा रही है। कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था लविप्रा के अनुसार, प्रिंस, जगत नारायण सिंह और अन्य प्लॉट नंबर आठ देवराजी विहार सरायशेख, सतरिख रोड, लखनऊ के खिलाफ उत्तर प्रदेश टाउन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट एक्ट 1973 की धारा 27 (1) के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।

इसके बावजूद जगत नारायण और उनका कोई भी व्यक्ति लविप्रा के निर्धारित प्राधिकारी के दरबार में पेश नहीं हुआ। इसके बाद लविप्रा ने बिल्डिंग पर नोटिस चिपकार कर 2 दिसंबर 2021 तक पेश होकर अपना पक्ष रखने को कहा। नोटिस चस्पा करने के बाद भी कोई सामने नहीं आया। अंतिम नोटिस 18 जनवरी 2022 को LWIpra द्वारा भेजा गया था और 1 फरवरी 2022 को उपस्थित होने का आदेश दिया गया था। एक बार फिर कोई मौजूद नहीं था।

टीम ने मौके पर पाया कि जगत नारायण सिंह से बिना नक्शा स्वीकृत कराए ही सेटबैक को ढककर दूसरी मंजिल तक बना दिया गया है। यह मामला कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता का 27 सितंबर 2021 की रात गोरखपुर के होटल कृष्णा पैलेस का है। इस दौरान रामगढ़ ताल के तत्कालीन इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह समेत अन्य पुलिसकर्मी होटल पहुंचे।

मनीष गुप्ता को पुलिसकर्मियों ने बेवजह पीटा, जिसमें उनकी मौत हो गई। शुरू में आरोपियों ने उच्चाधिकारियों को गुमराह किया था, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पूरा मामला साफ हो गया। इसके बाद मनीष की पत्नी की शिकायत पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी। सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है। फिलहाल छह पुलिसकर्मी हत्या के आरोप में जेल में बंद हैं।