
उत्तराखंड के देहरादून में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेल में बिहार की बेटी खुशबू कुमारी ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। मधुबनी जिले के भवानीपुर लक्ष्मीपुर पंडौल प्रखंड की रहने वाली खुशबू ने अपने सहयोगी पायल प्रीति और निखत के साथ विमेन ट्रिपल्स लॉन बाउल्स स्पर्धा में पश्चिम बंगाल को 16-14 से हराकर बिहार को 25 वर्षों बाद स्वर्ण पदक दिलाया।
खुशबू बनीं संघर्ष की मिसाल
खुशबू कुमारी एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार से आती हैं। उनके पिता राम जतन यादव एक किसान हैं, जबकि माता आशा देवी आशा कार्यकर्ता के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा केजीबीभी पंडौल से पूरी की और यहीं से आठवीं कक्षा तक पढ़ाई की। खेल के प्रति उनका जुनून बचपन से ही था, और उन्होंने नौ साल पहले लॉन बाउल्स खेलना शुरू किया। अपने कठिन परिश्रम और समर्पण से उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई। इस साल उन्होंने जेएमडीपीएल महिला कॉलेज से विज्ञान संकाय में स्नातक की पढ़ाई पूरी की।
हर प्रतिस्पर्धा में अव्वल
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की वार्डन अवंतिका रानी ने बताया कि खुशबू हमेशा ही पढ़ाई और खेल में अव्वल रही हैं। वर्ष 2014-15 में उन्होंने आठवीं कक्षा पास की और तब से लेकर आज तक वह लगातार अपनी मेहनत और लगन से आगे बढ़ती रही हैं। उन्होंने कराटे में भी कई पदक जीते हैं। उनकी सफलता की यह कहानी आज पूरे बिहार के लिए गर्व का विषय बन गई है।
अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और कोच को दिया
खुशबू कुमारी ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय बिहार बॉलिंग एसोसिएशन, बिहार राज्य खेल प्राधिकरण और अपने कोच को दिया। उन्होंने जिलेवासियों का भी आभार व्यक्त किया और कहा कि यह जीत उनके समर्थन और आशीर्वाद से ही संभव हो पाई है। उन्होंने फोन पर कहा, “सफलता तो निश्चित थी, लेकिन यह खुशी उम्मीद से अधिक है। खासकर मेरी जैसी बेटियों के लिए यह गौरवशाली क्षण है, क्योंकि बिहार ने 25 सालों बाद राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण पदक जीता है।”
खुशबू की इस शानदार जीत से पूरे बिहार में खुशी की लहर दौड़ गई है। मधुबनी जिले के लोग अपनी बेटी की इस उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे हैं और उनके भव्य स्वागत की तैयारी कर रहे हैं। डीईओ जावेद आलम, डीपीओ एसएसए शुभम कुसौधन समेत अन्य अधिकारियों ने कहा कि खुशबू की सफलता से बिहार में लॉन बाउल्स खेल के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिलेगा।
खुशबू की इस जीत ने साबित कर दिया कि मेहनत, लगन और संघर्ष से हर चुनौती को पार किया जा सकता है। उनकी यह उपलब्धि बिहार के लिए मील का पत्थर साबित होगी और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी। बिहार को गौरवान्वित करने वाली इस बेटी को पूरे प्रदेश से बधाइयाँ मिल रही हैं।