
जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में सीमा सुरक्षा बल (BSF) को बड़ी सफलता मिली है। राजौरी की मंजाकोट बटालियन ने नियंत्रण रेखा (LoC) के पास एक संदिग्ध पाकिस्तानी नागरिक को गिरफ्तार किया है, जिसकी पहचान 22 वर्षीय मोहम्मद अरीब अहमद के रूप में हुई है।
BSF की सतर्कता से घुसपैठ नाकाम
पकड़ा गया युवक पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के दातोटे गांव का निवासी है और पूछताछ में उसने कुबूल किया है कि वह पाकिस्तानी सेना के इशारे पर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों को भारतीय सीमा में घुसाने का काम कर रहा था।
BSF के अनुसार, अरीब घाटी के भौगोलिक क्षेत्रों से अच्छी तरह वाकिफ है और वह आतंकवादी गाइड के रूप में काम कर रहा था। उसके पास से 20,000 पाकिस्तानी रुपए, एक मोबाइल फोन, दो लाइटर और कुछ संदिग्ध रसीदें भी बरामद हुई हैं।
घटना की पूरी जानकारी
BSF ने रविवार, 30 जून, को गश्त के दौरान मंजाकोट सेक्टर में LoC के पास इस पाकिस्तानी घुसपैठिए को धर दबोचा। जांच में पता चला कि वह जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकवादियों के साथ भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश कर रहा था।
लेकिन जैसे ही भारतीय जवानों ने उन्हें देखा, अरीब को पकड़ लिया गया, जबकि चारों आतंकवादी चट्टान से कूदकर फरार हो गए। खुफिया जानकारी के अनुसार, आतंकवादी घायल हो गए और पाकिस्तानी सीमा की ओर वापस भाग गए।
सीमा पर ड्रोन से मिला अहम सुराग
भारतीय सेना ने इलाके की ड्रोन से निगरानी की, जिसमें खून के निशान मिले हैं। इससे यह स्पष्ट है कि आतंकवादी गिरने से घायल हुए थे। पाकिस्तान की अग्रिम चौकियों की नजदीकी के कारण भारतीय जवान उन्हें निशाना नहीं बना सके, लेकिन BSF और सेना की टीमें पूरे क्षेत्र पर पैनी निगाह रख रही हैं।
अधिकारियों के अनुसार, फिलहाल गिरफ्तार अरीब से गहन पूछताछ जारी है। उसके मोबाइल फोन और बरामद दस्तावेजों से अहम सुराग मिलने की संभावना है।
BSF की कड़ी सतर्कता से एक और बड़ी घुसपैठ नाकाम
यह घटना ऐसे समय पर सामने आई है जब पाकिस्तान लगातार आतंकियों को भारत में घुसपैठ कराने की कोशिश कर रहा है। लेकिन BSF और सेना की सतर्कता ने एक बार फिर बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया है।
राजौरी सेक्टर में BSF की यह कार्रवाई एक बार फिर साबित करती है कि भारतीय सुरक्षाबल हर चुनौती के लिए तैयार हैं। आतंकी मंसूबों को ध्वस्त कर, उन्होंने देश की सुरक्षा को सर्वोपरि रखा है।