बारिश में बढ़े फंगल इंफेक्शन से राहत दिला सकती है फिटकरी, जानें आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की सलाह

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बारिश का मौसम जहां सुकून देता है, वहीं यह फंगल इंफेक्शन (Mycosis) जैसी त्वचा संबंधी समस्याएं भी तेजी से बढ़ा देता है। अक्सर लोग त्वचा, नाखूनों, उंगलियों के बीच और जांघों में खुजली, जलन और दाने जैसी समस्याओं से जूझते हैं, जो फंगल इंफेक्शन के लक्षण हो सकते हैं। यह संक्रमण संक्रामक होता है और एक व्यक्ति से दूसरे में फैल सकता है। हालांकि, दवाओं के साथ-साथ आयुर्वेद में भी इसका आसान समाधान है।

रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल, सिरसा के आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ. श्रेय शर्मा बताते हैं कि फिटकरी (Alum) के जरिए फंगल इंफेक्शन को प्रभावी ढंग से ठीक किया जा सकता है।

फिटकरी कैसे करती है असर?

विशेषज्ञ के अनुसार, फिटकरी में मौजूद एंटी-फंगल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण संक्रमण को फैलने से रोकते हैं और त्वचा को राहत देते हैं। यह त्वचा की जलन, इरिटेशन और खुजली को शांत करता है। यदि शुरुआती लक्षणों में फिटकरी का उपयोग किया जाए, तो संक्रमण गहरा नहीं होता और त्वचा जल्दी स्वस्थ हो सकती है।

फिटकरी से फंगल इंफेक्शन को ठीक करने के दो आसान घरेलू उपाय

फिटकरी पानी का प्रयोग

  1. एक गिलास पानी में एक छोटा टुकड़ा फिटकरी डालें।
  2. जब वह पूरी तरह से घुल जाए, तो कॉटन बॉल की मदद से इस पानी को संक्रमण वाली त्वचा पर लगाएं।
  3. इसे दिन में दो बार दोहराएं।

फिटकरी पाउडर और गुलाब जल पेस्ट

  1. फिटकरी को पीसकर उसका पाउडर बना लें।
  2. इसमें गुलाब जल मिलाकर एक गाढ़ा पेस्ट तैयार करें।
  3. इसे फंगल इंफेक्शन वाली जगह पर लगाएं और 5-10 मिनट बाद पानी से धो लें।

यह उपाय त्वचा को साफ रखते हैं और फंगस के पनपने के जोखिम को कम करते हैं।

सावधानियां और सलाह

  1. संक्रमण की स्थिति गंभीर हो तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
  2. नमी से बचें, कपड़े सूखे और ढीले पहनें।
  3. संक्रमित हिस्से को बार-बार हाथ न लगाएं और उसे साफ व सूखा रखें।

फंगल इंफेक्शन एक आम लेकिन उपेक्षित समस्या है, जिसे घरेलू उपायों से भी शुरुआती अवस्था में नियंत्रित किया जा सकता है। फिटकरी जैसे आयुर्वेदिक उपाय न सिर्फ सस्ते हैं, बल्कि साइड इफेक्ट से भी बचाते हैं। विशेषज्ञों का सुझाव है कि फिटकरी जैसे प्राकृतिक उपायों को अपनाकर हम त्वचा को संक्रमण से दूर और स्वस्थ रख सकते हैं।

Disclaimer – यह जानकारी आयुर्वेदिक सलाह पर आधारित है। किसी भी घरेलू उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।