ऑपरेशन सिंदूर के बाद सुरक्षा के अभेद्य इंतजाम, श्रद्धालु निश्चिंत होकर करें दर्शन

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हालिया कश्मीर घटनाक्रम और ऑपरेशन सिंदूर के मद्देनज़र उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा को लेकर सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए हैं। बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री चारों धामों में पुलिस, पैरामिलिट्री फोर्स, आईटीबीपी, एटीएस और बम निरोधक दस्तों की व्यापक तैनाती की गई है। सरकार का स्पष्ट संदेश है: “श्रद्धा और सुरक्षा दोनों में कोई समझौता नहीं होगा।”

बदरीनाथ, अब आईआरबी के हवाले सुरक्षा

बदरीनाथ धाम में इस बार सुरक्षा की कमान इंडियन रिजर्व बटालियन (IRB) को सौंपी गई है। पहले यह जिम्मेदारी आईटीबीपी निभाती थी। कपाट खुलने के साथ ही IRB के सशस्त्र जवान धाम की सुरक्षा व्यवस्था संभाल रहे हैं। सुरक्षा प्रोटोकॉल को उच्च स्तर पर लागू किया गया है।

केदारनाथ हाई अलर्ट पर एंटी-बम दस्ता

केदारनाथ धाम में सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सख्त कर दिया गया है। पुलिस, पीएसी और पैरामिलिट्री फोर्स की संख्या में वृद्धि की गई है। मंदिर परिसर और केदारपुरी क्षेत्र में अत्याधुनिक हथियारों से लैस जवानों की गश्त लगातार जारी है। बम निरोधक दस्ते भी अलर्ट मोड में हैं।

गंगोत्री और यमुनोत्री, हर रूट पर कड़ी निगरानी

गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के रास्तों पर ITBP की तीन प्लाटून तैनात हैं। सभी चेकपोस्ट और बैरियर पर संदिग्ध वाहनों और व्यक्तियों की सघन जांच की जा रही है। बाहरी मजदूरों और आगंतुकों का सत्यापन भी अनिवार्य किया गया है।

श्रद्धालुओं से विशेष अपील

धार्मिक यात्रियों से आग्रह किया गया है कि वे भारी सामान न लाएं और चेकिंग प्रक्रिया में सहयोग करें। मंदिर परिसर में प्रवेश से पहले सभी की गहन तलाशी की जा रही है। प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बिना सुरक्षा जांच कोई भी श्रद्धालु प्रवेश नहीं कर पाएगा।

प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से अतिरिक्त सुरक्षा बलों की मांग की थी, जिसके बाद यह ठोस सुरक्षा कवच तैयार किया गया है। राज्य के पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था को लगातार मॉनिटर और अपडेट किया जा रहा है ताकि यात्रा पूरी तरह सुरक्षित और व्यवस्थित हो सके।

चारधाम यात्रा में श्रद्धा की आस्था और सुरक्षा का संकल्प एक साथ दिख रहा है। प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों की सख्ती यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए है। श्रद्धालुओं से अपेक्षा है कि वे नियमों का पालन करें और इस पवित्र यात्रा को शांतिपूर्वक पूर्ण करें।