कोरोना वायरस से निपटने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई। 7 लोक कल्याण मार्ग पर हुई इस बैठक के दौरान पीएम मोदी ने भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया। कोरोना वायरस संकट की पृष्टभूमि में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में इस बार पहले की तरह बड़ी अंडाकार मेज नहीं थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी एक निश्चित दूरी बनाकर कुर्सियों पर बैठे और सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिग) के संकल्प का अनुपालन किया ।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक की जो तस्वीर सामने आई है उसमें मंत्री एक दूसरे से दूरी बना कर और प्रधानमंत्री की ओर मुखातिब होकर कुर्सियों पर बैठे नजर आ रहे हैं। उनकी कुर्सियों के बगल में छोटी मेजें थीं जिन पर उनके दस्तावेज रखे थे। आम तौर पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मंत्रीगण अंडाकर मेज के इर्द गिर्द कुर्सियों पर बैठे होते हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्र के संबोधन के दौरान कोरोना का मतलब समझाकर सोशल डिस्टेंसिंग की ओर इशारा किया था। प्रधानमंत्री ने कहा था कि कोरोना यानी को- कोई, रो- रोड पर, ना- ना निकले।
प्रधानमंत्री ने कहा था कि एक्सपर्ट का यह भी कहना है कि आज अगर किसी व्यक्ति में कोरोनावायरस पहुंचता है तो इसके लक्षण दिखने में कई-कई दिन लग जाते हैं। इस दौरान वह जाने-अनजाने उस व्यक्ति को संक्रमित कर देता है जो उसके संपर्क में आता है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट बताती है कि इस बीमारी से संक्रमित एक व्यक्ति सैकड़ों लोगों को एक हफ्ते में संक्रमित कर सकता है। इसलिए समझदारी इसी में है कि समाजिक दूरी बनाकर रखें।
मोदी ने कहा कि कोरोना से तभी बचा जा सकता है, जब घर की लक्ष्मण रेखा ना लांघी जाए। इसके फैलने से रोकना है। भारत आज उस मुकाम पर है, जहां हमारे आज के एक्शन तय करेंगे कि इस आपदा के प्रभाव को हम कितना कम कर सकते हैं। यह समय हमारे संकल्प को बार-बार मजबूत करने का है। यह समय कदम-कदम पर संयम बरतने का है। आपको याद रखना है कि जान है तो जहान है।
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भरत पांडेय