Migraine के साथ 5 रोगों में असरदार गुंजा | Hindi Health Tips

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गुंजा(abrus precatorius) को अंग्रेजी में Coral Bead भी कहते हैं, मटर की तरह इसकी भी लता होती है, इसमें लगने वाला फल सेम की की तरह होता है. इसके फल में मोतदी जैसे बीज होते है जो लाल और काले रंग का होता है. आयुर्वेद में गुंजा का इस्तेमाल अधकपारी (Migraine), चिकन पॉक्स (chicken pox), वीर्य गुणवत्ता (Sperm count) बढ़ाने, और मधुमेह (Diabetes) के इलाज के लिए होता है.

1. जख्मों में – गुंजा की पत्तियों को पीसकर उसमें नींबू मिलाकर लेप तैयार करें.. ऐसी मान्यता है कि गहरे जख्मों और घावों पर इस लेप को लगाने से घाव जल्दी भरते है

2. माइग्रेन के लिए- गुंजा की जड़ को पानी में कुछ देर रख कर..उस पानी को नाक में डालने से माइग्रेन में राहत मिलती है..

3. चिकनपॉक्स में- आयुर्वेद के अनुसार गुंजा के पत्ते और कैस्टर को पीसकर उसका रस निकाल कर आखों में लगाने से चिकनपॉक्स ठीक कर सकते हैं

4. स्पर्म काउंट बढ़ाए- गुंजा की जड़ को दूध में उबाल कर चीनी मिलाकर उसका सेवन करने से पुरुष अपना स्पर्म काउंट बढ़ा सकते हैं

5. डायबिटीज में- गुंजा के बीज को डायबीटिज के इलाज में लाभकारी माना गया है..

तो ये थे गुंजा से जुड़े कुछ औषधिय फायदे और भी ऐसी ही आयुर्वेद से जुड़ी बाते जानने के लिए देखते रहें..

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