कलयुग में कब और कहां जन्म लेंगे भगवान कल्कि? जानिए विष्णुजी के दसवें अवतरण का उद्देश्य

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भगवान कल्कि
कलयुग में कब और कहां जन्म लेंगे भगवान कल्कि? जानिए विष्णुजी के दसवें अवतरण का उद्देश्य
गुरुवार 06 अप्रैल 2023 को भगवान हनुमान का जन्मोत्सव मनाया जाएगा. शास्त्रों के अनुसार, हनुमान जी को भगवान राम से अमर होने का वरदान मिला था और कलयुग में भी हनुमान उपस्थित हैं.
शास्त्रों और वेदों में भगवान हनुमान को कलयुग का देवता बताया गया है. कहा जाता है कि जो भक्त सच्ची श्रद्धा से हनुमान जी की पूजा करेगा, उसे भगवान जरूर दर्शन देंगे. इसलिए इन्हें कलयुग का जीवित या जागृत देवता कहा गया है.
तुलसीदास जी ने भी कलयुग में भगवान हनुमान की मौजूदगी का जिक्र किया है. तुलसीदास जी को हनुमान जी की कृपा से ही भगवान राम और लक्ष्मण जी के दर्शन प्राप्त हुए थे. कहा जाता है कि आज कलयुग में भी इन 5 जगहों पर भगवान हनुमान मौजूद हैं.
गंधमादन पर्वत: इस पर्वत पर कलयुग में भगवान हनुमान का निवास है, इसके कई प्रमाण कई जगहों पर मिलते हैं. कहा जाता है कि कई साधु-संतों ने भी इसी स्थान पर तपस्या कर हनुमान जी के दर्शन प्राप्त किए. महर्षि कश्यप ने भी इसी पर्वत पर तपस्या की थी. यह पर्वत कैलाश पर्वत के उत्तर में स्थित है. भगवान राम से अमर होने का वरदान प्राप्त कर हनुमान जी ने इसी पर्वत को अपना निवास स्थान चुना.
किष्किंधा अंजनी पर्वत: इस पर्वत का उल्लेख रामायण में मिलता है. कर्णाटक के कोप्पल और बेल्लारी जिले के पास किष्किंधा क्षेत्र में इसी पर्वत पर माता अंजनी ने तपस्या की थी. भगवान राम और हनुमान जी की मुलाकात भी इसी पर्वत पर हुई थी. कहा जाता है कि कलयुग में भी इस पर्वत पर हनुमान जी निवास करते हैं.
रामायण पाठ: शास्त्रों में कहा गया है कि जहां भी रामायण का पाठ होगा, वहां किसी न किसी रूप में भगवान हनुमान जरूर उपस्थित रहेंगे. इसलिए कई बार ऐसा देखा जाता है कि जहां रामायण का पाठ होता है वहां वानर आ जाते हैं.
नीम करोरी बाबा: बाबा नीम करोली के भक्त उन्हें साक्षात हनुमान जी का ही अवतार मानते हैं. उनके भक्त मानते हैं कि कलयुग में नीम करोली बाबा के रूप में हनुमान जी का ही जन्म हुआ है. बाबा से जुड़े ऐसे कई चमत्कार हुए जोकि भगवान हनुमान से जुड़े हैं.
राम भक्त: भगवान हनुमान केवल अपने भक्तों नहीं बल्कि राम भक्त के मन में भी बसते हैं. रामायण में उल्लेख मिलता है कि, जब भगवान राम पृथ्वीलोक का परित्याग कर रहे थे तब उनके साथ भक्त हनुमान भी जाना चाहते थे. लेकिन राम जी ने कहा, जब कलयुग का समय आएगा और धर्म का खात्मा हो रहा होगा, तब जो राम भक्त होंगे तुम उनके दिलों में रहना. इसलिए राम भक्तों के दिलों में सदा हनुमान जी विराजित होते हैं.

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