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खास है इस बार का करवा चौथ, बनेंगें दो शुभ संयोग, मां के साथ मिलेगा सूर्यदेव का आर्शीवाद

24 अक्टूबर को है करवा चौथ, इस बार मां के साथ मिलेगा सूर्यदेव का भी आर्शीवाद

नई दिल्ली- 24 अक्टूबर रविवार को देशभर में करवा चौथ का त्योहार मनाया जाएगा। करवा चौथ पर सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला उपवास रखती हैं। हर साल दशहरे के बाद कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ का त्योहार मनाया जाता है। हिन्दू धर्म में इस व्रत का एक खास महत्व है। इस व्रत के नियम भी बहुत कड़े हैं। माना जाता है जो भी सुहागिन इस व्रत को पूरे विधि-विधान से करती है, मां पार्वती उसे उसके पति की लंबी आयु और स्वस्थ जीवन का वरदान देती हैं। इस दिन सुहागिन महिलाएं मां पार्वती और शिव भगवान की पूजा करती हैं। साथ ही पूजा में भगवान शिव और मां पार्वती के पुत्र गणेश जी की प्रतिमा भी स्थापित की जाती है।

इस बार करवा चौथ का त्योहार बहुत खास दिन है क्योंकि रविवार को एक तो सुहागिनों को सूर्य देव का आर्शीवाद मिलेगा, वहीं दूसरी ओर 24 अक्टूबर को रोहिणी नक्षत्र भी पड़ेगा। रोहिणी नक्षत्र पूजा और किसी भी काम को करने के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन सूर्योदय होने से पहले ही व्रत रखने वाली सुहागिनों को स्नान करकर सरगी खा लेनी होती है, क्योंकि सूर्य के उगने के तुरंत बाद ही उनका निर्जला उपवास शुरु हो जाता है। ये सरगी सुहागिनों की सास उन्हें करवा चौथ के तोहफे के रुप में बनाकर देती है।

24 अक्टूबर को है करवा चौथ, इस बार मां के साथ मिलेगा सूर्यदेव का भी आर्शीवाद

सरगी में कुछ मिठाईयां और कुछ मीठा खानपान शामिल किया जाता है। साथ ही सरगी में खाने की चीजों के अलावा नए कपड़े और श्रृगांर का सामान भी शामिल होता है, जो एक सास अपनी बहु को प्यार से देती है और उसे अपने बेटे की लंबी उम्र के लिए व्रत रखने को कहती है। करवा चौथ का व्रत सबसे कठिन व्रतों में शुमार है। साथ ही माना जाता है इस व्रत को करने से पति-पत्नी के संबंध बेहतर होते हैं। रात्रि में चांद निकलने के बाद सुहागिन चांद को छलनी से देखकर ये व्रत खोलती हैं।

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