जहां फंसे थे 42 मजदूर, वहां अब बन रहा बौखनाग देवता का मंदिर, जब हार गए थे सारे एक्सपर्ट, तब मिला था बाबा का आशीर्वाद

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उत्तरकाशी में स्थित सिलक्यारा टनल हादसे के 6 महीने बाद बाबा बौखनाग देवता मंदिर का निर्माण शुरू कर दिया गया है. यह मंदिर टनल के बाह सिलक्यारा मोड़ की तरफ बनाया जा रहा है. हादसे के दौरान रेस्क्यू में जुटी टीम ने भी बौखनाग देवता की डोली और पश्वा से आशीर्वाद लिया था. बता दें कि बीते साल नवंबर में निर्माण के दौरान सिलक्यारा टनल के पास भूस्खलन होने के चलते 42 मजदूर फंस गए थे. इन सभी मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए करीब तीन हफ्ते तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया था. रेस्क्यू ऑपरेशन में जिला प्रशासन सहित पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और विदेशी कंपनियों के विशेषज्ञ जुटे थे.

रेस्कयू के दौरान आ रही लगातार चुनौतियों को पार करने के लिए रेस्क्यू टीम में मौजूद कंपनियों सहित सरकारी मशीनरी और आस्ट्रेलिया से आए एक्सपर्ट ने बाबा बौखनाग की देवडोली और पश्वा से आशीर्वाद लिया था. इसके बाद सफलतापूर्वक सभी मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया था.

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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बौखनाग देवता के पश्वा ने रेस्क्यू टीम को कहा था कि वह उनके मंदिर का निर्माण टनल के बाहर करें. वहीं हादसे के 6 महीने बाद भी जब टनल का काम शुरू नहीं हो पाया तो नवयुगा कंपनी ने टनल के बाहर बौखनगा देवता का मंदिर का निर्माण शुरू कर दिया है. नवयुगा कंपनी के पीआरओ जीएल नाथ ने बताया कि मंदिर का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है. वहां पर फाउंडेशन के साथ पिलर का काम चल रहा है. कंपनी की कोशिश है कि जल्द से जल्द मंदिर का निर्माण पूरा हो सके.