भारत की स्वास्थ्य सेवा को मजबूत करना: केंद्रीय बजट 2025 से उम्मीदें

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केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज 01 फरवरी, 2025 को संसद में केन्द्रीय बजट 2025-26 पेश करते हुए कहा कि देश की प्रगति के तीसरे ईंजन विकास में निवेश- लोगों में निवेश, अर्थव्‍यवस्‍था में निवेश और नवाचार के क्षेत्र में निवेश को समाहित करता है। 

उन्‍होंने कहा कि लोगों में निवेश के हिस्‍से के रूप में केन्‍द्रीय बजट 2025-26 में सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 कार्यक्रम के तहत पौष्टिकता सहायता के लागत मानकों में वृद्धि करने का प्रस्‍ताव है। यह कार्यक्रम देश भर में 8 करोड़ से अधिक बच्‍चों,  1 करोड़ गर्भवती महिलाओं तथा स्‍तनपान कराने वाली महिलाओं एवं पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में लगभग 20 लाख किशोरियों को पोषण संबंधी सहायता प्रदान करता है।

निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण 2025-26 में अगले तीन वर्षों में देश के सभी जिला अस्पतालों में डे-केयर कैंसर सेंटर स्‍थापित करने की घोषणा की। इस बजट में यह भी उल्‍लेख किया गया कि अगले पांच वर्षों में 75, 000 सीटों को जोड़ने के लक्ष्‍य की दिशा में आगामी वर्ष में मेडिकल कॉलेजों और अस्‍पतालों में 10,000 अतिरिक्‍त सीटें जोड़ी जाएंगी।

वित्‍त मंत्री ने जानकारी दी कि क्षमता निर्माण एवं वीजा नियमों में ढील देने के साथ देश में निजी क्षेत्र के सहयोग से चिकित्‍सा पर्यटन और स्‍वास्‍थ्‍य लाभ को बढ़ावा दिया जाएगा।

औषधियां/दवाओं के आयात पर छूट

रोगियों, विशेष रूप से कैंसर,  असाधारण एवं अन्‍य गंभीर जीर्ण रोगों से पीडि़त मरीजों को राहत देने के लिए केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री ने 36 जीवन रक्षक औषधियों और दवाओं को बुनियादी सीमा शुल्‍क (बीसीडी) से पूरी तरह छूट प्राप्‍त दवाओं की सूची में शामिल करने का प्रस्‍ताव दिया है।

वित्‍त मंत्री ने 6 जीवन रक्षक दवाओं को 5 प्रतिशत रियायती सीमा शुल्‍क वाली दवाओं की सूची में शामिल करने का प्रस्‍ताव पेश किया है। यह पूर्ण छूट और रियायती शुल्‍क उपर्युक्‍त दवाओं के निर्माताओं के लिए थोक औषधियों पर भी इसी तरह लागू होगी।

बजट में विशेष रूप से कहा गया है कि औषधि कंपनियों द्वारा चलाए जाने वाले रोगी सहायता कार्यक्रमों के अंतर्गत विशिष्‍ट औषधियां तथा दवाएं बीसीडी से पूरी तरह छूट प्राप्‍त है बशर्तें दवाओं की आपूर्ति रोगियों को नि:शुल्‍क की जाए। बजट में 13 नए रोगी सहायता प्राप्‍त कार्यक्रमों के साथ-साथ 37 अन्‍य दवाओं को इसमें शामिल करने का प्रस्‍ताव दिया गया है।