संगम तट पट पर आयोजित होने वाले दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजन महाकुंभ 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इसकी तैयारियों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
इस बार महाकुंभ में श्रद्धालुओं को सात स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के चक्रव्यूह से सुरक्षित किया जा रहा है, जिसमें 37 हजार से अधिक पुलिसकर्मी तैनात होंगे। इसके साथ ही संपूर्ण मेला अवधि के दौरान 10 प्रकार के सुरक्षा ऑपरेशन भी चलाए जाएंगे। श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर इस विशेष जोर दिया जा रहा है। कुंभ को भव्य और दिव्य बनाने के लिए तेजी से तैयारी चल रही है।
महाकुंभ 2025 को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए AI आधारित सीसीटीवी टीवी कैमरों की मदद से सुरक्षा प्रणाली को और अधिक मजबूत किया गया है। एसीपी लाइंस राजकुमार मीना ने AI से लैस सीसीटीवी कैमरों का परीक्षण किया। इन आधुनिक तकनीकों का उद्देश्य भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा को प्रभावी बनाना है।
AI आधारित सुरक्षा प्रणाली की मुख्य विशेषताएं:
भीड़ के संकेतों की पहले से पहचान: AI सिस्टम भीड़ की स्थिति का विश्लेषण कर पुलिस को समय रहते सतर्क करेगा, जिससे किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों की पहचान: AI तकनीक के माध्यम से हॉटस्पॉट क्षेत्र चिन्हित किए जाएंगे, जिससे पुलिस भीड़ प्रबंधन में बेहतर निर्णय ले सके।
फेस रिकग्निशन सिस्टम: संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान के लिए फेस रिकग्निशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जिससे सुरक्षा और भी सख्त होगी।
तीन स्तरों में भीड़ प्रबंधन: AI सर्विलांस सिस्टम भीड़ को तीन स्तरों में विभाजित कर पुलिस को स्थिति की जानकारी देगा, ताकि सही समय पर प्रभावी कदम उठाए जा सकें।
महाकुंभ 2025 सुरक्षा के लिहाज से श्रद्धालुओं को कोई असुविधा का सामना न करना पड़े और वो निर्भीक रूप से तीर्थयात्रा संपन्न कर सकें इसके लिए सुरक्षा की तगड़ी रणनीति तैयार की गई है। भीड़ प्रबंधन के साथ-साथ प्रयागराज पहुंचने वाले हर व्यक्ति की गतिविधियों पर सुरक्षाकर्मियों की नजर होगी। इसके लिए लोकल इंटेलिजेंस यूनिट्स के साथ पुलिसकर्मियों के अलग-अलग विभाग निरंतर संपर्क में रहेंगे। इसके लिए संपूर्ण मेला अवधि के दौरान 10 प्रकार के सुरक्षा ऑपरेशन भी चलाए जाएंगे, जिससे श्रद्धालुओं को हर कदम पर सुरक्षा का एहसास होता रहे।
यह आधुनिक तकनीक पुलिस और प्रशासन को महाकुंभ 2025 के दौरान भीड़ प्रबंधन, संदिग्ध व्यक्तियों की निगरानी और किसी भी आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया देने में अत्यधिक सहायक सिद्ध होगी। प्रयागराज पुलिस इस पहल के माध्यम से श्रद्धालुओं के लिए एक सुरक्षित और व्यवस्थित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।