रूस और यूक्रेन के बीच जंग कब खत्म होगी, यह कोई नहीं जानता. मगर रूस और यूक्रेन युद्ध को पीएम मोदी खत्म करवा सकते हैं, खुद यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की को भी यकीन है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि पीएम मोदी रूस-यूक्रेन जंग को खत्म करवा सकते हैं. किसी भी जंग में उनकी यही सबसे बड़ी अहमियत है. भारत की यही सबसे बड़ी अहमियत है. दरअसल, पीएम मोदी दुनिया के इकलौते ऐसे नेता हैं, जो जंग के बीच में रूस और यूक्रेन दोनों देशों का दौरा कर चुके हैं. पीएम मोदी साफ-साफ कह चुके हैं कि भारत शांति की वकालत करता है और बातचीत के जरिए ही युद्ध खत्म हो सकता है.
टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने माना है कि पीएम मोदी यूक्रेन और रूस के बीच बातचीत करवा सकते हैं, इसमें कोई शक नहीं है कि ये भारत में हो सकता है और पीएम मोदी युद्ध खत्म करवा सकते हैं. लेकिन मुझे लगता है कि हमें खुद को तैयार रहना होगा और वो भी अपने हिसाब से, क्योंकि जंग हमारी धरती पर हो रही है. हमारे पास एक मंच है और वो है शांति शिखर सम्मेलन. बता दें कि रूस-यूक्रेन जंग में पिछले कुछ समय से जेलेंस्की दबाव महसूस कर रहे हैं. अमेरिकी चुनाव को लेकर भी यूक्रेन को सैन्य सपोर्ट पर संशय के बादल हैं. हालांकि, अमेरिका ही उसका सबसे बड़ा सैन्य स्रोत है. अगर अमेरिका में सरकार बदलती है तो यूक्रेन पर उसका बड़ा असर होगा.
जेलेंस्की ने कहा, ‘यूक्रेन और यूक्रेनी लोगों के लिए ये तीसरा मुश्किल भरा जाड़ा है, हम अपनी एनर्जी सिस्टम को कदम-दर-कदम मजबूत कर रहे हैं और रूस को अपने लोगों को मारने नहीं देंगे.’ हाल ही में सामने आए उनके ‘विक्ट्री प्लान’ और यूक्रेन की नाटो मेंबरशिप के बारे में पूछे जाने पर जेलेंस्की ने जोर देकर कहा कि यह यूक्रेन को युद्ध खत्म करने के लिए शांति वार्ता के लिए एक पुल के रूप में मजबूत करने की कोशिश है. उन्होंने साफ कहा कि विक्ट्री प्लान रूस के साथ बातचीत का विषय या कोई सौदेबाजी की चिप नहीं है. हम नाटो की मेंबरशिप जल्दी नहीं मांग रहे हैं क्योंकि युद्ध के दौरान ये मुमकिन नहीं है. हम तो बस नाटो में शामिल होने का न्योता चाहते हैं ताकि भविष्य में कोई अपना इरादा न बदल सके.
पीएम मोदी के बयान पर क्या बोले जेलेंस्की
पीएम मोदी के इस बयान पर कि भारत यूक्रेन में शांति लाने के लिए काम करने को तैयार है, इस पर जेलेंस्की का कहना है कि केवल कहने से काम नहीं चलेगा, एक्शन भी दिखना चाहिए. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी वास्तव में एक बहुत बड़े देश के प्रधानमंत्री हैं… ऐसा देश केवल यह नहीं कह सकता कि हम युद्ध की समाप्ति में रुचि रखते हैं. पीएम मोदी युद्ध की समाप्ति को प्रभावित कर सकते हैं. रूसी अर्थव्यवस्था को अवरुद्ध करना, सस्ते ऊर्जा संसाधन को अवरुद्ध करना, रूस के रक्षा-औद्योगिक परिसर को अवरुद्ध करने से हमारे खिलाफ युद्ध छेड़ने की मॉस्को की क्षमता में कमी आएगी. बता दें कि रूस और यूक्रेन दोनों इस बात पर सहमत हैं कि भारत दोनों के बीच जारी युद्ध को खत्म करवा सकता है.