रक्षा मंत्री ने भारत को 2047 तक एक विकसित और आत्मनिर्भर देश बनाने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला और कहा कि सेना की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा, “देश के रक्षा मंत्री के रूप में मैं आपको बताना चाहूंगा कि हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए. इस समय को, जिसे अक्सर शांति का समय कहा जाता है, जब मैं यहां आया और जिस अनुशासन और समर्पण के साथ आप प्रशिक्षण ले रहे हैं, उसे देखकर मैं बहुत प्रभावित हुआ.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को मध्य प्रदेश के इंदौर में भारतीय सेना के जवानों को संबोधित करते हुए सेना से सतर्क रहने और आंतरिक तथा बाहरी खतरों पर पैनी नजर रखने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि सुरक्षा के मोर्चे पर भारत बहुत भाग्यशाली देश नहीं है. इंदौर में महू छावनी के दो दिवसीय दौरे पर आए रक्षा मंत्री ने कहा, “सुरक्षा परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए भारत बहुत भाग्यशाली देश नहीं है, क्योंकि हमारी उत्तरी और पश्चिमी सीमाएं लगातार चुनौतियों का सामना कर रही हैं.”
रक्षा मंत्री ने कहा कि आचार्य चाणक्य के बारे में आप सभी जानते हैंI अर्थशास्त्र में वह लिखते हैं- कि “बलेन रक्षा, रक्षया अर्थसंपदः।” यानि “From the strength of the army, comes the security of the state; from the security of the state, comes economic prosperity.” इसलिए यदि हमें आर्थिक समृद्धि और ज्यादा ताकतवर बनना है, तो हमें सैन्य शक्ति के रूप में भी मजबूत होना होगा.
आप किसी भी बड़े और विकसित देश को देखिए। यदि वह सैन्य रूप से विकसित हुए, तो उसका आधार उनकी आर्थिक समृद्धि थी, और वे आर्थिक रूप से समृद्ध हुए तो उसके पीछे उनकी मजबूत सुरक्षा व्यवस्था थीI यानि आर्थिक समृद्धि और सुरक्षा, दोनों एक दूसरे के पूरक हैं.
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत एक manufacturing hub के रूप में तेज़ी से उभर रहा हैI आज से लगभग एक दशक पहले हमारा defence export, जहाँ लगभग दो हजार करोड़ रूपयों का हुआ करता था, सरकार के प्रयासों से आज यह 21,000 करोड़ रूपए का आँकड़ा पार कर गया हैI वर्ष 2029 तक हमने 50,000 करोड़ रूपये का export target रखा है.
2047 तक माननीय प्रधानमंत्री जी ने देश को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है। और हाल-फिलहाल का जो समय चल रहा है, इसे मैं एक तरह से transition period मानता हूँ। भारत लगातार विकास के पथ पर अग्रसर है। सैन्य दृष्टिकोण से भी देखें, तो हम लगातार आधुनिक हथियारों से equip होरहे हैं। हम न केवल हमारी सेनाओं को equip कर रहे हैं,बल्कि देश में बने साजो-सामान दूसरे देशों को भी भेज रहे हैं.
रक्षा मंत्री ने कहा कि आप में से कई अधिकारी अभी बेहद युवा है, तो कई अधिकारियों के पास, लंबा अनुभव भी है। मैं यहां आपसे कहना चाहूंगा कि, अधिकारी चाहे युवा हों या अनुभवी, उनके लिए यह समझना बहुत आवश्यक है, कि जिस तरह से चीजें बदल रही हैं, उसे देखते हुए हमें, एक सच्चे leader की भांति हर situation के लिए तैयार रहना है। आप जितने तैयार रहेंगे, अपनी पलटन को भी उतना प्रेरित कर सकेंगे.
हमारी सरकार लगातार इस दिशा में प्रयास कर रही है, कि हम तीनों ही सेनाओं के बीच में, integration और jointness को बढ़ाएँ। क्योंकि साथियों, आने वाला जो समय है, उसमें हमारे सामने ऐसी चुनौतियां आने वाली हैं, जिनका सामना हमारी services, मिलकर ज्यादा अच्छे से कर पाएँगी। मुझे यह देखकर बड़ी खुशी होती है कि, महू cantonment में सभी wings के officers को high level की training provide की जाती है.
इस challenging situation में हमारे लिए आवश्यक होजाता है, कि हमारी सेना उन सभी परिस्थितियों के लिए, Well trained और equipped रहे.
रक्षा मंत्री ने कहा कि आप जहाँ training ले रहे हैं, यह स्थान कोई साधारण स्थान नहीं है। Army war college, बड़ी ही prestigious organization है। सेना का शायद ही कोई ऐसा कोई बड़ा अधिकारी हो, जो यहां से होकर न गुजरा हो। Army chief हों, या फिर कोई भी बड़े अधिकारी, वो सब यहाँ से होकर जरूर गुज़रे हैं। इससे इसकी Importance का अंदाजा लगाया जा सकता हैI साथ ही यहाँ कई, International participants भी आते हैं।इसलिए आप सबको एक बहुत बड़ा अवसर मिल रहा है, कि आप न सिर्फ इस संस्थान से कुछ सीखें, बल्कि एक दूसरे से भी knowledge sharing करें.
Information warfare, AI based warfare, Proxy warfare, Electro-magnetic warfare, Space warfare, और Cyber attacks जैसे अनेक Unconventional methods अब हमारे सामने एक challenge की तरह खड़े हैं। Electronic chips की availability पर, अलग-अलग देश का जो Dominance है, वह भी एक तरह से problematic है। Rare earth materials को लेकर होने वाली monopoly भी, एक बड़े Challenge का संकेत देती है। यानि Hybrid warfare, और Greyzone warfare, हमारे challenges में और भी इज़ाफा कर रहे हैं.
आज विश्व में कई स्थानों पर Conflict चल रहे हैं।इसके अलावा, कई सारी नई-नई जगहों पर Conflict की संभावनाएँ दिख रही हैं। चारों तरफ एक Uncertainty का माहौल बना हुआ है। International Relations में भी बड़े dynamic changes हो रहे हैं।इसके अलावा, अब warfare के तरीके में भी, radical changes देखने को मिल रहे हैं.
आजकल हर मोर्चे पर, पलक झपकते ही नई technologies आ रही हैं। कई बार technological advancement, इतनी तेज गति से होता है, कि हमें adapt करने का, समय तक नहीं मिलता। हम किसी technology के लिए खुद को तैयार करते हैं, तब तक उससे advance, कोई और technology आ जाती है। ऐसे challenging दौर में, हम सबके लिए जरूरी है, कि हम futuristic और frontier technologies पर महारथ हासिल करें.
मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि, हमारे इन प्रयासों में महू के training centres, बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।200 सालों से भी अधिक समय से यह स्थान, अपने military valour के लिए जाना जाता रहा है.
आप सभी एक ऐसी Generation के Young officers और Leaders हैं, जो पूरे global stage पर एक unprecedented हलचल देख रहे हैं। Second world war के बाद से ही आप देखें, तो कई दशकों तक, एक खास किस्म की Geopolitical situations पूरी दुनिया में मौज़ूद रही.
आजकल दुनिया एक नए तरीके के तनाव से जूझ रही है। इसमें सीधे युद्ध की स्थिति भले ही उत्पन्न न हो रही हो, लेकिन war like situations बहुत ज्यादा देखने को मिल रही हैं। इस युग का जो war है, वो खुद को पीछे रखकर,और technology के योद्धा को सामने करके लड़ा जा रहा है.
सीमाई सुरक्षा के साथ-साथ जब भी, देश-दुनिया में कोई दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति उत्पन्न होती है, कोई आपदा आती है, तो हमारी सेना वहां first responder के रूप में कार्य करती है। अभी कुछ समय पहले, गुजरात की बात हो, केरल के वायनाड की बात हो, मणिपुर और उत्तराखंड की बात हो, या इसी तरह केऔर जगहों की बात हो, HADR activities में हमारी सेनाएँ हमेशा सक्रिय रहती हैं।