मां वैष्णो देवी चालीसा
नमो वैष्णो वरदानी ।
कलिकाल में शुभ कल्यानी ।।
मणि पर्वत पर ज्योति तुम्हारी ।
पिंडी रूप में हो अवतारी ।।
देवी-देवता अंष दियो है ।
रत्नाकर घर जन्म लियो है ।।
करी तपस्या राम को पाऊं ।
त्रेता की शक्ति कहलाऊं ।।
कहा राम मणि पर्वत जाओ ।
कलियुग की देवी कहलाओ ।।
विष्णु रूप से कल्की बनकर ।
लूंगा शक्ति रूप बदलकर ।।
तब तब त्रिकुटा घाटी जाओ ।
गुफा अंधेरी जाकर पाओ ।।
ब्रह्मा, विष्णु शंकर द्वारे ।
हनुमत, भैंरो प्रहरी प्यारे ।।
रिद्धि, सिद्धि चंवर डुलायें ।
कलियुग वासी पूजन आवें ।।
मां वैष्णो देवी चालीसा