मां कुष्मांडा के श्लोक, स्त्रोत।। Maa Kushmanda Shalok

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मां कुष्माण्डा श्लोक

मां कुष्माण्डा श्लोक नवरात्री के चौथे दिन देवी कुष्माण्डा के स्वरूप की उपासना की जाती है। इस दिन साधक का मन ‘अनाहत’ चक्र में अवस्थित होता है। अतः इस दिन उसे अत्यंत पवित्र और अचंचल मन से कूष्माण्डा देवी के स्वरूप को ध्यान में रखकर पूजा-उपासना के कार्य में लगना चाहिए।

सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥