मां कात्यायनी जी की आरती।। Maa Katyayani Aarti

86

मां कात्यायनी जी की आरती

 जय अम्बे जय कात्यानी 
जय जगमाता जग की महारानी 
बैजनाथ स्थान तुम्हारा 
वहा वरदाती नाम पुकारा 
कई नाम है कई धाम है 
यह स्थान भी तो सुखधाम है 
हर मंदिर में ज्योत तुम्हारी 
कही योगेश्वरी महिमा न्यारी 
हर जगह उत्सव होते रहते 
हर मंदिर में भगत है कहते 
कत्यानी रक्षक काया की 
ग्रंथि काटे मोह माया की 
झूठे मोह से छुडाने वाली 
अपना नाम जपाने वाली 
ब्रेह्स्पतिवार को पूजा करिए 
ध्यान कात्यानी का धरिये 
हर संकट को दूर करेगी 
भंडारे भरपूर करेगी 
जो भी माँ को ‘भक्त’ पुकारे 
कात्यानी सब कष्ट निवारे