आरती वेद पुराणन | Aarti

35

आरती वेद पुराणन

आरती वेद पुराणन केरी।
जिन सादर श्रुति महिमा गाई।। ….

..वेद पुराण की गावै,

गावडे हिय धरि प्रीति घनेरी।। ….आरती वेद..

जबहिं मोहिं माया भरमायो, वेद पुराण सुपंथ दिखायो।

प्रभु की महिमा गाई सुनाई, वेद पुराण महा सुखदाई।। ….आरती वेद..

जो रूचि वेद पुराणन राखे, ऋषि मुनि संत सबहिं यह भावें।

तिन पर सानुकूल रघुराई,

ञान भक्ति सुख सम्पति पावै।

कमलानंद श्रुति मंगल मूला, तिन पर सदा राम अनुकूला।। ….
आरती वेद..
केरी।

गावउ हिय धरि प्रीति घनेरी।। ….आरती वेद..

श्री श्री 1008 गुरु कमलानंद जी महाराज द्वारा रचित

बाबा महावतार सेवा ट्रस्ट(रजि.)
मंदिर-
(श्री काली देवी मंदिर, बैंक कॉलोनी, नजदीक, रेलवे फाटक, सीएमसी
अस्पताल, हिसार, हरियाणा)
धाम-
(बड़वा धाम, हिसार, राजगढ़ रोड़, SH52 बड़वा)