श्री गैय्या मैय्या की आरती, गौमाता आरती, (Gau Mata Gaiya Maiya Aarti)

17

मैय्या गौमाता की आरती

मैय्या गौमाता की आरती,आरती श्री गैय्या मैय्या की,
आरती हरनि विश्‍व धैय्या की ॥

अर्थकाम सद्धर्म प्रदायिनि,
अविचल अमल मुक्तिपददायिनि ।
सुर मानव सौभाग्य विधायिनि,
प्यारी पूज्य नंद छैय्या की ॥
॥ आरती श्री गैय्या मैय्या की…॥

अख़िल विश्‍व प्रतिपालिनी माता,
मधुर अमिय दुग्धान्न प्रदाता ।
रोग शोक संकट परित्राता,
भवसागर हित दृढ़ नैय्या की ॥
॥ आरती श्री गैय्या मैय्या की…॥

आयु ओज आरोग्य विकाशिनि,
दुख दैन्य दारिद्रय विनाशिनि ।
सुष्मा सौख्य समृद्धि प्रकाशिनि,
विमल विवेक बुद्धि दैय्या की ॥
॥ आरती श्री गैय्या मैय्या की…॥

सेवक जो चाहे दुखदाई,
सम पय सुधा पियावति माई ।
शत्रु मित्र सबको दुखदायी,
स्नेह स्वभाव विश्‍व जैय्या की ॥
॥ आरती श्री गैय्या मैय्या की…॥

आरती श्री गैय्या मैय्या की,
आरती हरनि विश्‍व धैय्या की ॥

मैय्या गौमाता कीआरती

कामधेनु हिन्दू धर्म में एक देवी है जिनका स्वरूप गाय का है। इन्हें ‘सुरभि’ भी कहते हैं। कामधेनु जिसके पास होती हैं वह जो कुछ कामना करता है (माँगता है) उसे वह मिल जाता है। (काम = इच्छा , धेनु=गाय)। इनके जन्म के बारे में अलग-अलग कथाएँ हैं। एक कथा के अनुसार ये समुद्र मन्थन में निकलीं थीं। इनकी बेटी का नाम नन्दिनी है।