मोहल्ला क्लीनिक पर कार्डियक मॉनिटर को अब तक नहीं खरीदे जाने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग को नोटिस जारी किया है। यह याचिका उस कंपनी की तरफ से लगाई गई है जिसका टेंडर पास करके दिल्ली सरकार ने अप्रैल 2018 तक 254 मल्टी पैरा कार्डियक मॉनिटर को लगाने का जिम्मा सौंपा था। कंपनी का आरोप है कि दिल्ली सरकार ने अब तक यह मॉनिटर लगाने के लिए फंड ही रिलीज नहीं किया जिसके चलते अब तक उन्हें 8 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है।
याचिका लगाने वाली कंपनी सुपर मेडिकेयर एजेंसी का कहना है कि यह टेंडर 2016 में दिल्ली सरकार की तरफ से निकाला गया था और अप्रैल 2018 में दिल्ली सरकार की तरफ से कंपनी को दे दिया गया। टेंडर पास होने के बाद कंपनी ने कार डेकोरेटर्स को लगाने के लिए तमाम उपकरण खरीद लिए, लेकिन सरकार की तरफ से न तो सप्लाई ऑर्डर और न ही फंड ही रिलीज नहीं किया गया. इस कारण पिछले 5 महीने में कंपनी को 8 करोड़ का नुकसान हो गया।
कंपनी के अनुसार, एक मल्टी पैरा कार्डियक मॉनिटर को लगवाने की कीमत तकरीबन 3 लाख 22 हजार रुपए है और ऐसे 254 कार्डियक मॉनिटर मोहल्ला क्लीनिक में लगाए जाने का टेंडर सुपर मेडिकेयर एजेंसी को दिया गया था। याचिका में कंपनी की तरह से कोर्ट को बताया गया कि बार-बार संपर्क करने के बाद भी दिल्ली सरकार ने अब तक सप्लाई आर्डर न देने का कोई कारण नहीं बताया। कंपनी का कहना है कि टेंडर की 10 फीसदी रकम यानी करीब 80 लाख रुपए अप्रैल महीने में ही दिल्ली सरकार के खाते में भी सिक्योरिटी के तौर पर जमा करवा दिए गए थे।
अब इस मामले में अगली सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट 12 नवंबर को करेगा और सबसे पहले दिल्ली सरकार को यह जवाब देना होगा कि टेंडर पास करने और सरकार की सभी शर्तों का पालन करने के बाद भी सरकार ने अभी तक कंपनी से 254 कार्डियक मॉनिटर क्यों नहीं खरीदे गए। मोहल्ला क्लिनिक शुरू से ही केजरीवाल सरकार के लिए बड़ा प्रोजेक्ट रहा है जिस पर उन्होंने वाहवाही भी बटोरी है ऐसे में बड़ा सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि जिस तरह की सुविधाएं और उपकरण मोहल्ला क्लीनिक को सरकार देना चाहती थी, अब उसे ही खरीदने में सरकार की दिलचस्पी क्यों खत्म हो गई है?