उच्चतम न्यायालय ने केरल के सबरीमला मंदिर समेत धार्मिक स्थलों पर और विभिन्न धर्मों में महिलाओं के खिलाफ भेदभाव संबंधी याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई आरंभ की। प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अगुवाई वाली नौ न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि वह सबरीमला मामले में पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई नहीं कर रही है।पीठ ने कहा, हम सबरीमला मामले की पुनर्विचार याचिकाओं की सुनवाई नहीं कर रहे। हम पांच न्यायाधीशों की पीठ द्वारा पहले भेजे गए मुद्दों पर विचार कर रहे हैं। न्यायालय ने 14 नवंबर को एक वृहद पीठ को कहा था कि वह मस्जिदों समेत सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश समेत विभिन्न धार्मिक मामलों और दाऊदी बोहरा समुदाय में महिलाओं के खतने की प्रथा पर फिर से विचार करे।
हालांकि पांच सदस्यीय पीठ ने धार्मिक मामलों को वृहद पीठ को सौंपने का फैसला सर्वसम्मति से लिया था लेकिन उसने केरल के सबरीमला मंदिर में सभी आयुवर्ग की महिलाओं को प्रवेश देने के शीर्ष अदालत के सितबंर 2018 के फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर 3:2 के बहुमत से फैसला सुनाया था।