महाराष्ट्र में बाघिन अवनि की मौत के बाद अब नेताओं में सियासी जंग शुरु हो गयी है, शनिवार को शिवसेना, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश की गई। बता दे कि बीते सप्ताह बाघिन अवनि को मारे जाने के बाद से ही सरकार पर हमले शुरू हो गए थे। केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी बाघिन को मारे जाने पर सवाल उठा चुके हैं। अवनि की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद शुक्रवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने जांच समिति गठित कर दी है।वही शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने जांच समिति पर ही सवाल उठा दिया है। उन्होंने कहा कि समिति में उन्हीं लोगों को शामिल किया गया है, जो अवनि को मारने के लिए शिकारी बुलाने का फैसला लेने में शामिल थे। शिवसेना प्रमुख ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा जांच समिति का गठन आंखों में धूल झोंकने जैसा है। इसकी जांच किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश से करानी चाहिए।
ठाकरे ने मुख्यमंत्री द्वारा वनमंत्री मुनगंटीवार के बचाव में दिए गए इस बयान की भी खिल्ली उड़ाई है कि बाघिन पर गोली मुनगंटीवार ने नहीं चलाई थी। उद्धव ने इस बयान पर कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक में भी प्रधानमंत्री गोली चलाने नहीं गए थे। फिर उन्हें श्रेय क्यों दिया जाता है?उद्धव के इस हमले का जवाब देते हुए मुनगंटीवार ने कहा है कि मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के पांच सेवानिवृत्त न्यायाधीशों से जांच कराने की मांग की है। वनमंत्री ने कहा कि वह तो उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में समिति से भी जांच कराने को तैयार हैं। वनमंत्री की इस टिप्पणी के जवाब में शिवसेना की प्रवक्ता नीलम गोरे ने कहा कि एक आरोपित खुद कैसे निर्णय कर सकता है कि उसकी जांच कौन करे? उद्धव ठाकरे जंगलों और बाघों के बारे में अच्छी तरह जानते हैं। वह इस मामले में वास्तविक दोषी की पहचान भली प्रकार कर सकते हैं।वही इससे पहले शनिवार को ही मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरुपम ने भी सुधीर मुनगंटीवार के इस्तीफे की मांग करते हुए सीबीआइ से जांच कराने की मांग की। उन्होंने बाघों को मारने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह से वनमंत्री की सांठगांठ का आरोप लगाया है। अवनि के मारे जाने के मुद्दे पर वह रविवार को वरली सी फेस से शिवाजी पार्क तक मार्च निकालेंगे।