अमेरिका की शरण नीति पर बड़ा सवाल: ट्रंप ने सिस्टम खत्म करने के दिए संकेत

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अमेरिका में शरण देने की मौजूदा व्यवस्था बड़े बदलावों की ओर बढ़ती दिखाई दे रही है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि अगर वह फिर से सत्ता संभालते हैं, तो देश की दशकों पुरानी शरण प्रणाली को लंबे समय के लिए समाप्त किया जा सकता है। उनके बयान को विशेषज्ञों ने अमेरिकी आव्रजन नीति में संभावित भारी बदलाव के रूप में देखा है।
ट्रंप बोले—शरण प्रक्रिया का हो रहा दुरुपयोग

ट्रंप ने आरोप लगाया कि मौजूदा शरण व्यवस्था का तेजी से दुरुपयोग बढ़ा है, जिससे अमेरिका की सुरक्षा और सामाजिक ढांचा दबाव में आ रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रणाली अवैध ढंग से सीमा पार करने वालों को आसान रास्ता देती है, जिससे तस्करी, अपराध और अनधिकृत प्रवास बढ़ रहा है। ट्रंप के अनुसार, कठोर कदम न उठाने पर अमेरिका को कमजोर आव्रजन नियंत्रण के गंभीर परिणाम झेलने पड़ सकते हैं।

सत्ता में लौटे तो और सख्त होंगे कदम

ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि प्रशासन में लौटने पर वह एक नई, अत्यधिक सख्त आव्रजन नीति लागू कर सकते हैं। इसमें शामिल हो सकते हैं:

  • सीमा सुरक्षा और निगरानी को और मजबूत करना
  • प्रवेश बिंदुओं पर जांच बढ़ाना
  • अवैध रूप से देश में आए लोगों को तुरंत वापस भेजना

उनका कहना है कि इससे अमेरिका की सीमा अधिक सुरक्षित होगी और अवैध प्रवास पर लगाम लगेगी।

मानवाधिकार संगठनों ने जताई कड़ी आपत्ति

ट्रंप के इस बयान की आलोचना भी तेज हो गई है। मानवाधिकार संगठनों ने कहा कि शरण व्यवस्था अंतरराष्ट्रीय मानकों और मानवता के सिद्धांतों पर आधारित है।
उनका तर्क है कि इसे समाप्त करना उन लोगों के लिए खतरनाक होगा जो सचमुच हिंसा, उत्पीड़न और जान के खतरे से बचकर अमेरिका पहुंचते हैं। आलोचकों ने कहा कि सुरक्षा के नाम पर शरण अधिकारों को पूरी तरह खत्म नहीं किया जा सकता।

समर्थक बोले—व्यवस्था में सुधार बेहद जरूरी

इसके विपरीत, ट्रंप समर्थकों का मानना है कि मौजूदा शरण प्रणाली में बड़े बदलाव की आवश्यकता है, ताकि असल ज़रूरतमंदों और अवैध प्रवेश करने वालों में फर्क स्पष्ट किया जा सके।
विशेषज्ञों का कहना है कि 2024 के चुनावों में आव्रजन एक प्रमुख मुद्दा बनकर उभरेगा और ट्रंप इस सख्त रुख के जरिए समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं।

अमेरिका की भविष्य की नीति पर बढ़ी बहस

ट्रंप के हालिया बयान के बाद अमेरिका में आव्रजन को लेकर राजनीतिक बहस और तेज हो गई है। यदि उनकी प्रस्तावित नीतियां लागू होती हैं, तो इससे अमेरिका की शरण व्यवस्था ही नहीं, बल्कि देश की संपूर्ण प्रवासन नीति लंबे समय के लिए बदल सकती है।