तिलचट्टा के पत्ते बनेंगे ओरल हेल्थ के रक्षक, आयुर्वेद में बताया गया दांतों और मसूड़ों की सेहत का प्राकृतिक उपाय

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दांत और मसूड़ों की सेहत केवल चेहरे की सुंदरता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे शरीर की सेहत से जुड़ी होती है। अगर दांत भोजन को ठीक से नहीं चबाते, तो खाना पचने में कठिनाई होती है, जिससे कब्ज, गैस, एसिडिटी, सिरदर्द और थकान जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। यही कारण है कि ओरल हेल्थ को मेंटेन करना संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है।

आमतौर पर लोग दांतों की सफाई के लिए घरेलू उपायों का सहारा लेते हैं, जैसे लौंग, हल्दी, सेंधा नमक, सरसों का तेल या नीम की पत्तियां। लेकिन आयुर्वेद में एक और प्रभावी पौधे का उल्लेख किया गया है, जिसका नाम है तिलचट्टा (जिसे अप्पा मार्ग या चिरचिट्टा भी कहा जाता है)। यह पौधा दांतों और मसूड़ों के लिए प्राकृतिक औषधि के रूप में काम करता है।

विशेषज्ञों के अनुसार, तिलचट्टा के पत्तों का नियमित इस्तेमाल दांतों को मजबूत, साफ और स्वस्थ बनाता है। इन पत्तों से बना मंजन दांतों की सेंसिटिविटी को कम करता है और ठंडा-गर्म खाने से होने वाली असहजता को दूर करता है। साथ ही यह सांसों की दुर्गंध को भी खत्म करता है।

तिलचट्टा के पत्तों के प्रमुख फायदे:

  • पीले दांतों को सफेद बनाता है: इन पत्तों से बने मंजन का इस्तेमाल करने से दांतों की सतह की गंदगी हटती है और वे चमकदार बनते हैं।
  • मसूड़ों की सूजन और ब्लीडिंग कम करता है: यह पत्ते मसूड़ों की मजबूती बढ़ाते हैं और ब्रश करने पर खून आने की समस्या को रोकते हैं।
  • दांतों को मजबूत बनाता है: नियमित रूप से इन पत्तों से मंजन करने से दांतों की सड़न कम होती है और गम हेल्थ में सुधार आता है।
  • सेंसिटिविटी को कम करता है: ठंडे या गर्म पेय पदार्थों से होने वाली संवेदनशीलता को यह पत्ते प्राकृतिक रूप से घटाते हैं।
  • मुंह की दुर्गंध दूर करता है: मंजन या माउथवॉश के रूप में इनका प्रयोग करने से मुंह ताज़ा और स्वच्छ रहता है।

तिलचट्टा से बना प्राकृतिक माउथवॉश:

4-5 पत्तियों को एक कप पानी में 3-4 मिनट उबालें। ठंडा होने पर छान लें और सुबह-शाम कुल्ला करें। यह माउथवॉश मुंह की सफाई और दुर्गंध दूर करने में कारगर है।

तिलचट्टा का मंजन तैयार करने का तरीका:

सूखी पत्तियों का पाउडर लेकर उसे सरसों के तेल या शहद में मिलाएं। इस मिश्रण से मसूड़ों पर 2-3 मिनट हल्के हाथों से मसाज करें, फिर गुनगुने पानी से कुल्ला करें। यह न सिर्फ दांतों को सफेद बनाता है बल्कि मसूड़ों को भी स्वस्थ रखता है।

आयुर्वेदिक विशेषज्ञों का मानना है कि अगर तिलचट्टा के पत्तों का नियमित और सही तरीके से उपयोग किया जाए, तो यह मॉडर्न डेंटल प्रोडक्ट्स का प्राकृतिक विकल्प बन सकता है और दांतों की कई समस्याओं से राहत दिला सकता है।