कानपुर में करोड़पति कानूनगो का भंडाफोड़, योगी सरकार ने किया डिमोट

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उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में राजस्व विभाग के अधिकारी आलोक दुबे के खिलाफ गंभीर भ्रष्टाचार और लापरवाही का मामला उजागर हुआ है। साधारण जीवन और मामूली वेतन वाले कानूनगो पद पर रहते हुए दुबे करोड़ों की संपत्ति के मालिक निकले। योगी सरकार ने सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें पदावनत कर लेखपाल बना दिया है और उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कर दिया गया है।

जांच में सामने आया कि दुबे लंबे समय से विवादित जमीनों पर फर्जी वारासत और बैनामा कर रहे थे। यहां तक कि कानूनी रोक लगी हुई जमीनों को भी उन्होंने अवैध तरीके से निजी कंपनियों को बेच दिया। एडीएम (न्यायिक), एसडीएम सदर और एसीपी कोतवाली की संयुक्त टीम की जांच में यह पूरा भ्रष्टाचार उजागर हुआ।

रिपोर्ट के अनुसार, आलोक दुबे, उनकी पत्नी और बच्चों के नाम पर कानपुर, दिल्ली और नोएडा में 50 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां पाई गईं। आरोप है कि रिंग रोड परियोजना की जानकारी मिलते ही उन्होंने बड़े पैमाने पर जमीन खरीद-फरोख्त कर भारी मुनाफा कमाया। अनुमान है कि उन्होंने करीब 56 संपत्तियों में निवेश किया है।

मार्च 2025 में उनके खिलाफ कानपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ और विभागीय जांच में चार गंभीर आरोप साबित हुए। अगस्त 2025 में व्यक्तिगत सुनवाई के बाद डीएम ने आदेश जारी करते हुए दुबे को कानूनगो से घटाकर लेखपाल बना दिया। प्रशासन ने साफ कहा है कि अब भ्रष्ट अधिकारियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

जांच में यह भी सामने आया कि दुबे के कुछ सहयोगी राजस्व कर्मियों की भूमिका संदिग्ध है। खासकर क्षेत्रीय लेखपाल अरुणा द्विवेदी का नाम इसमें जुड़ा है। अधिकारियों का कहना है कि यदि संलिप्तता साबित हुई तो उन पर भी कार्रवाई होगी।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि आलोक दुबे जमीन माफियाओं के लिए ‘सेटिंग मास्टर’ की भूमिका निभाते थे। वे उन्हें पहले से जानकारी देते थे कि कहां सड़क या रिंग रोड बनने वाली है, ताकि माफिया वहां जमीन खरीदकर मोटा मुनाफा कमा सकें। बदले में दुबे को भी हिस्सेदारी मिलती थी।

कानूनगो और लेखपाल के पदों को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि लेखपाल गांव स्तर पर भूमि रिकॉर्ड संभालता है, जबकि कानूनगो उससे उच्च स्तर पर कार्य करता है। आलोक दुबे के डिमोशन ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी चाहे किसी भी पद पर हो, उसे कड़ी सजा मिलेगी।