मोबाइल स्क्रीन छोड़िए, वर्दी पहनिए, सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने छात्रों को दी रोमांचक जीवन की सीख

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भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने झारखंड की राजधानी रांची में 36 स्कूलों के छात्रों से बातचीत करते हुए उन्हें डिजिटल दुनिया से बाहर निकलकर जीवन को असली रूप में जीने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों में शामिल होकर न केवल राष्ट्र सेवा का अवसर मिलता है, बल्कि जीवन भर के अनूठे और रोमांचक अनुभव भी हासिल होते हैं।

मोबाइल स्क्रीन छोड़िए, देश की असली सुंदरता देखिए

राजभवन में आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में जनरल चौहान ने छात्रों से कहा, “सिर्फ मोबाइल स्क्रीन पर चिपके मत रहिए। भारत के जीवंत भूगोल, इतिहास और विविधता का अनुभव कीजिए, जिसे कोई पैसों से नहीं खरीद सकता।” उन्होंने जोर देकर कहा कि सेना में भर्ती होने से ऐसा जीवन जीने का मौका मिलता है, जहां उद्देश्य, अनुशासन और बेमिसाल रोमांच एक साथ मिलते हैं।

सशस्त्र बलों में शामिल होना रोमांच और सेवा दोनों

जनरल चौहान ने बताया कि सैनिकों को देश के ऐसे अनोखे अनुभव मिलते हैं जो आम नागरिक नहीं देख पाते — जैसे नगालैंड का लुंगवा गांव, जहां मुखिया का घर आधा भारत और आधा म्यांमार में है, या अरुणाचल प्रदेश का डोंग गांव, जहां भारत का पहला सूर्योदय होता है। “इन अनुभवों को आप पैसे से नहीं खरीद सकते, ये सिर्फ वर्दी पहनने से मिलते हैं,” उन्होंने कहा।

जनरल चौहान ने छात्रों से कहा कि राष्ट्र सेवा केवल एक कर्तव्य नहीं बल्कि खोज और समझ की यात्रा भी है। उन्होंने “ऑपरेशन सिंदूर” के उदाहरण देकर सेना की आधुनिक रणनीतियों से भी छात्रों को अवगत कराया।