
बीजिंग: चिकित्सा विज्ञान में चीन के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी क्रांतिकारी खोज की है जो हड्डी रोगों के उपचार का स्वरूप बदल सकती है। शोधकर्ताओं ने दुनिया का पहला ‘बोन ग्लू’ (Bone Glue) विकसित किया है, जो टूटी हुई हड्डियों को सिर्फ 2-3 मिनट में जोड़ने की क्षमता रखता है।
इस अभिनव सामग्री को बनाने की प्रेरणा सीपों (Mussels) से ली गई है। सीपों में पाई जाने वाली प्राकृतिक चिपचिपाहट से वैज्ञानिकों ने ऐसा बायोडिग्रेडेबल गोंद तैयार किया है, जो पूरी तरह शरीर के अनुकूल (biocompatible) है।
6 महीने में शरीर में घुल जाएगा
वैज्ञानिकों का कहना है कि यह बोन ग्लू सर्जरी के दौरान हड्डियों को जोड़ने के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा और इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह 6 महीनों में शरीर में घुलकर पूरी तरह खत्म हो जाएगा। यानी मरीजों को मेटल प्लेट्स या स्क्रू जैसे इम्प्लांट की जरूरत नहीं पड़ेगी, जिन्हें अक्सर दोबारा ऑपरेशन करके निकालना पड़ता है।
चिकित्सा जगत के लिए वरदान
विशेषज्ञों का मानना है कि यह खोज ऑर्थोपेडिक सर्जरी और ट्रॉमा ट्रीटमेंट के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। इसके जरिए फ्रैक्चर का इलाज बेहद तेज़, सुरक्षित और कम जटिल होगा।
भविष्य की दिशा
अभी इस तकनीक पर क्लिनिकल ट्रायल्स जारी हैं। अगर ये सफल रहते हैं तो आने वाले वर्षों में यह ग्लू आमतौर पर हड्डी की सर्जरी में इस्तेमाल होने लगेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि यह तकनीक खासकर बुजुर्गों और बच्चों के लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकती है।