
हाल ही में वैश्विक स्तर पर की गई एक स्टडी में सामने आया है कि अमेरिका समेत कई देशों में पैदल चलना सबसे लोकप्रिय शारीरिक गतिविधि बन चुका है। वॉकिंग को आसान और प्रभावी माना जाता है, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह वाकई हमारे शरीर के लिए उतना फायदेमंद है जितना माना जाता है? क्या पैदल चलने से मसल्स बिल्ड होती हैं या फैट बर्न होता है? आइए जानते हैं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इसका विश्लेषण।
वॉकिंग के दौरान शरीर में क्या होता है?
लिमरिक यूनिवर्सिटी के एक्सरसाइज फिजियोलॉजिस्ट के मुताबिक, जब हम चलते हैं तो हमारे शरीर की मांसपेशियां खुद को आगे बढ़ाने के लिए काम करती हैं, जिससे एनर्जी एक्सपेंडिचर (ऊर्जा खर्च) बढ़ता है। इससे न केवल मसल्स बल्कि पूरी बॉडी की मेटाबॉलिक डिमांड में भी इजाफा होता है।
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की एक स्टडी (2014) में यह भी पाया गया कि वॉकिंग से क्रिएटिव थिंकिंग को बढ़ावा मिलता है। अध्ययन के अनुसार, बैठकर सोचने की बजाय चलते हुए विचार करने पर दिमाग ज्यादा सक्रिय होता है और नए आइडियाज भी ज्यादा आते हैं।
मसल्स बिल्डिंग में कितना कारगर है वॉक करना?
पैदल चलने से पैरों की मांसपेशियां जैसे क्वाड्रिसेप्स, हैमस्ट्रिंग्स और काफ मसल्स कुछ हद तक टोन और मजबूत हो सकती हैं। हालांकि, मसल्स बिल्डिंग के लिए केवल वॉकिंग पर्याप्त नहीं है। इसके लिए वेट ट्रेनिंग, रेजिस्टेंस एक्सरसाइज़ या हाई-इंटेंसिटी वर्कआउट्स की जरूरत होती है। हालांकि, जो लोग बिल्कुल शुरुआत कर रहे हैं या अब तक कोई फिजिकल एक्टिविटी नहीं कर रहे थे, उनके लिए वॉकिंग शुरुआती स्तर पर मसल्स एक्टिवेशन में सहायक हो सकती है।
क्या वॉकिंग से फैट बर्न होता है?
फैट लॉस की बात करें तो वॉकिंग एक असरदार विकल्प है। 2020 की एक स्टडी के अनुसार, नियमित वॉकिंग से बॉडी फैट मास और कुल वजन में कमी देखी गई। हालांकि इसके असर को बढ़ाने के लिए इसे डाइट कंट्रोल और अन्य एक्सरसाइज के साथ जोड़ना बेहतर होगा।
अगर आप अब तक किसी भी फिजिकल एक्टिविटी से दूर रहे हैं, तो वॉकिंग एक बेहतरीन शुरुआत हो सकती है। यह न केवल शरीर को बल्कि दिमाग को भी सक्रिय रखता है, क्रिएटिविटी बढ़ाता है और फिटनेस के लिए एक मजबूत आधार तैयार करता है।
यह खबर मीडिया रिपोर्ट्स और अध्ययनों पर आधारित है। किसी भी फिटनेस या स्वास्थ्य संबंधित सलाह को अपनाने से पहले विशेषज्ञ की राय जरूर लें।