पढ़ने, लिखने और पुस्तक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए युवा लेखकों को मार्गदर्शन देने की प्रधानमंत्री योजना शुरू की गई

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देश में पढ़ने, लेखन और पुस्तक संस्कृति को बढ़ावा देने तथा भारत और भारतीय लेखन को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने के मकसद से युवा और उभरते लेखकों (30 वर्ष से कम आयु) को प्रशिक्षित करने के लिए शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग ने 11 मार्च 2025 को पीएम-युवा 3.0 – युवा लेखकों का मार्गदर्शन करने के लिए प्रधानमंत्री योजना, एक लेखक परामर्श कार्यक्रम की शुरूआत की। 22 विभिन्न भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी में युवा और उभरते लेखकों की बड़े पैमाने पर भागीदारी के साथ पीएम-युवा योजना के पहले दो संस्करणों के महत्वपूर्ण प्रभाव को देखते हुए, अब पीएम-युवा 3.0 लॉन्च किया जा रहा है।

पीएम-युवा 3.0 (युवा, उभरते और बहुमुखी लेखक) की शुरुआत प्रधानमंत्री के उस दृष्टिकोण को द्यान में रखकर की गई है, जिसका मकसद युवाओं को भारत की समृद्ध संस्कृति, विरासत और देश के विकास में दूरदर्शी लोगों के योगदान को समझने और सराहने के लिए प्रोत्साहित करना है। पीएम-युवा 3.0 का उद्देश्य, लेखकों की युवा पीढ़ी के दृष्टिकोण को निम्नलिखित विषयों पर सामने लाना है: 1. राष्ट्र निर्माण में प्रवासी भारतीयों का योगदान, 2. भारतीय ज्ञान प्रणाली और 3. आधुनिक भारत के निर्माता (1950-2025) एक अभिनव और रचनात्मक नज़रिए से। इस प्रकार यह योजना, लेखकों की एक धारा विकसित करने में मदद करेगी, जो भारतीय विरासत, संस्कृति और ज्ञान प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न विषयों पर लिख सकते हैं।

एनईपी 2020 में युवा मस्तिष्कों के सशक्तिकरण और एक शिक्षण व्यवस्था बनाने पर जोर दिया गया है, जो युवा पाठकों/शिक्षार्थियों को भविष्य की दुनिया में नेतृत्व की भूमिकाओं के लिए तैयार कर सकती है। भारत अपनी 66% युवा आबादी के साथ शीर्ष स्थान पर है, जो क्षमता निर्माण के ज़रिए राष्ट्र निर्माण के लिए काम आने की प्रतीक्षा कर रहा है। युवा रचनात्मक लेखकों की एक नई पीढ़ी को मार्गदर्शन करने के मकसद से, उच्चतम स्तर पर पहल करने की तत्काल आवश्यकता है, और इसी संदर्भ में, पीएम-युवा 3.0, रचनात्मक दुनिया के भविष्य के नेताओं की नींव रखने में एक लंबा रास्ता तय करेगा।

शिक्षा मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में मार्गदर्शन के सुपरिभाषित चरणों के अंतर्गत योजना का चरणबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित करेगा। इस योजना के अंतर्गत तैयार की गई पुस्तकों को राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत द्वारा प्रकाशित किया जाएगा और अन्य भारतीय भाषाओं में भी अनुवादित किया जाएगा, जिससे सांस्कृतिक और साहित्यिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को भी बल मिलेगा। चयनित युवा लेखक प्रतिष्ठित लेखकों के साथ जुड़ेंगे, साहित्यिक उत्सवों में भाग लेंगे और भारत की समृद्ध विरासत और समकालीन प्रगति को दर्शाने वाले विविध कार्यों में योगदान देंगे।

इस योजना का मकसद लेखकों की एक नई पीढ़ी को तैयार करना है, जो राष्ट्र निर्माण में प्रवासी भारतीयों के योगदान को सामने ला सकें, राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक-सांस्कृतिक क्षेत्रों में उनके शांतिपूर्ण एकीकरण और प्रभाव को भी उजागर कर सकें। यह ऐतिहासिक ज्ञान को संरक्षित करने, नए अवसर पैदा करने और राष्ट्रीय विकास के लिए स्वदेशी ज्ञान को उभारने में भारतीय ज्ञान व्यवस्था की भूमिका पर भी जोर देगा। इस पहल के ज़रिए, युवा लेखक शिक्षा, विज्ञान, अर्थव्यवस्था, सामाजिक सशक्तिकरण आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में दूरदर्शी लोगों के प्रभाव के बारे में जानकारी हासिल करेंगे, जिससे भारत के विकास और उसकी मज़बूती का पहलू सामने आ सकेगा।

पीएम-युवा 3.0 (युवाउभरते और बहुमुखी लेखक) का कार्यक्रम इस प्रकार है:

  • योजना की घोषणा 11 मार्च 2025
  • 11 मार्च 2025 से 10 अप्रैल 2025 तक https://www.mygov.in/  के माध्यम से आयोजित अखिल भारतीय प्रतियोगिता के ज़रिए कुल 50 लेखकों का चयन किया जाएगा।
  • विषय के अनुसार चुने जाने वाले लेखकों की संख्या:
  1. राष्ट्र निर्माण में प्रवासी भारतीयों का योगदान – 10 लेखक
  2. भारतीय ज्ञान व्यवस्था – 20 लेखक
  3. आधुनिक भारत के निर्माता (1950-2025) – 20 लेखक
  • प्राप्त प्रस्तावों का मूल्यांकन अप्रैल 2025 में किया जाएगा।
  • चयनित लेखकों की सूची मई-जून 2025 में घोषित की जाएगी।
  • युवा लेखकों को 30 जून से 30 दिसंबर 2025 तक प्रतिष्ठित लेखकों/मार्गदर्शकों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा।
  • मार्गदर्शन के तहत, नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2026 के दौरान पीएम-युवा 3.0 लेखकों के लिए एक राष्ट्रीय शिविर आयोजित किया जाएगा।