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भारत-अमेरिका मिलकर मानसिक स्वास्थ्य संकट से निपट सकते हैं

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अमेरिका के सर्जन जनरल डॉ. विवेक मूर्ति का कहना है कि मानसिक स्वास्थ्य एक अहम मुद्दा है। इसमें प्राथमिकता से तेजी लाने का वक्त आ पहुंचा है, क्योंकि इसके नतीजे बेहद गंभीर हो रहे हैं। इसकी चुनौतियों से भारत और अमेरिका मिलकर निपट सकते हैं। मूर्ति ने कहा कि बीते छह दशकों से अमेरिका और भारत ने साथ मिलकर चेचक, पोलियो, एचआईवी, तपेदिक और कोविड-19 जैसी स्वास्थ्य चुनौतियों पर काम किया है और अब मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी ऐसा ही करने की जरूरत है। जहां हम एक-दूसरे से सीख सकते हैं, कार्यक्रमों पर सहयोग कर सकते हैं और एक-दूसरे का समर्थन कर सकते हैं। उनका मानना है कि इस सहयोग से न केवल दोनों देशों को बल्कि पूरे विश्व को फायदा हो सकता है। उन्होंने ये बातें राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं तंत्रिका विज्ञान संस्थान (निमहांस) के शुक्रवार को अपने दौरे के दौरान कहीं। मूर्ति ने निमहांस के विशेषज्ञों से मुलाकात के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े संयुक्त शोध परियोजनाओं पर भी बातचीत की। उन्होंने अमेरिका और भारत के स्वास्थ्य संगठनों के बीच सहयोग की तारीफ की और भविष्य में इस साझेदारी को बढ़ाने की उम्मीद जताई। राष्ट्रपति जो बाइडन ने मूर्ति की नियुक्त की है और वह अमेरिका के शीर्ष डॉक्टर के तौर पर काम करते हैं। उन पर सार्वजनिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और उसकी रक्षा करने का दायित्व है। वह भारतीय मूल के पहले सर्जन जनरल हैं और उनके माता-पिता कर्नाटक से हैं।