देवभूमि उत्तराखण्ड में मई महीने में चारधाम यात्रा शुरू होने के बाद अब कुछ ही दिनों में हेमकुंड साहिब यात्रा भी शुरू होने वाली है। चारधाम यात्रा में लाखों श्रद्धालुओं के दर्शन करने के बाद प्रशासन ने हेमकुंड साहिब यात्रा की व्यवस्था में कुछ बदलाव किये है। ऊंचाई पर स्थित हेमकुंड साहिब के मार्ग पर यात्रियों को मई के महीने में भी बर्फ से होकर गुजरना होता है। ऐसे में यात्रियों को मार्ग में कोई असुविधा ना हो इसलिए शुरुआती दिनों में प्रतिदिन केवल 3500 यात्रियों को दर्शन करने की अनुमति दी गई है। हालांकि बर्फ पिघलने के बाद इस संख्या को बढ़ाया जाने का अनुमान है।
चारधाम यात्रा शुरू होने के बाद सामने आई अव्यवस्थाओं को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। बता दें कि यह निर्णय राज्य सरकार, जिला प्रशासन और गुरूद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट द्वारा लिया गया है। 25 मई को शुरू होने वाली इस यात्रा के प्रबंध के लिए गुरूद्वारे की टीम हेमकुंड साहिब पहुंच गई है। यात्रा शुरू होने से पहले यह टीम यात्रियों के लिए सुविधा जैसे लंगर और अरदास के साथ अन्य व्यवस्थाओं को दुरूस्त करेगी। बता दें कि यात्रा का आरंभ 22 मई को पंचप्यारों की अगुवाई में ऋषिकेश से होना है। जिसके बाद श्रद्धालुओं के लिए हेमकुंड के कपाट 25 मई को खोले जाएंगे।
यात्रा मार्ग में किसी भी श्रद्धालु को असुविधा ना हो इसलिए सेना ने मार्ग से बर्फ हटाने का काम पहले ही कर दिया है। यह यात्रा 25 मई से 10 अक्टूबर तक चलनी है। शुरूआत में ऊपरी क्षेत्रों में बर्फ होने के कारण घोड़े-खच्चर उनके निर्धारित स्थान तक नहीं जाएंगे। गुरूद्वारा श्री हेमकुंड साहिब के मुख्य प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि अभी घोड़े-खच्चर हेमकुंड से अटलाकोटी हिमखंड तक ही जाएंगे। अटलाकोटी से पैदल यात्रा के लिए सुचारू किए गए रास्ते पर यात्री पैदल यात्रा करेंगे। बर्फ पिघलने के बाद इस रास्ते पर हिमखंड काटने का काम किया जाएगा।