केंद्रीय राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि दुर्घटनाओं में कमी लाने और आपातकालीन प्रतिक्रिया में सुधार लाने के लिए राजमार्ग परियोजनाओं के नियामक तंत्र में सुरक्षा प्रौद्योगिकी का एकीकरण करने हेतु दिशा-निर्देश तैयार करना एक निरंतर प्रक्रिया है।
हाल ही में चारधाम राष्ट्रीय राजमार्ग सुधार कार्यक्रम के अंतर्गत एनएच-134 पर सिल्कियारा सुरंग में निर्माण के दौरान दुर्घटना/ ढहने की घटना हुई। इस परियोजना को राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) द्वारा इंजीनियरिंग, अधिप्राप्ति और निर्माण (ईपीसी) मोड पर कार्यान्वित किया जा रहा है। अनुबंध की शर्तों में राष्ट्रीय/ अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा मानकों के अनुरूप सभी सुरक्षा मानदंडों और विनियमों को शामिल किया गया है। सुरक्षा पहलुओं सहित निर्माण कार्यों का पर्यवेक्षण प्राधिकरण अभियंता द्वारा किया जाता है। एनएचआईडीसीएल के क्षेत्रीय अधिकारियों और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा भी इसके विभिन्न सुरक्षा पहलुओं सहित कार्य का नियमित रूप से निरीक्षण और निगरानी किया जाता है। इस प्रकार से, राजमार्ग परियोजनाओं सहित सुरंग परियोजनाओं में डिजाइन, निर्माण तथा संचालन और रखरखाव (ओ एंड एम) के विभिन्न चरणों में सुरक्षा उपाय इसका महत्वपुर्ण हिस्सा और अंश है। सड़क उपयोगकर्ता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरंग परियोजनाओं सहित राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में विभिन्न चरणों अर्थात डिजाइन चरण, निर्माण चरण, पूर्व-उद्घाटन चरण और परिचालन चरण में सड़क सुरक्षा ऑडिट भी की जाती हैं।
हिमालयी परियोजनाओं सहित राजमार्ग परियोजनाओं के नियामक तंत्रा में सुरक्षा प्रौद्योगिकी का एकीकरण करने हेतु दिशा-निर्देश तैयार करना और सुरक्षा में सुधार लाने, दुर्घटनाओं में कमी लाने और आपातकालीन प्रतिक्रिय में सुधार लाने के लिए उनको अपग्रेड करना एक निरंतर प्रक्रिया है। राष्ट्रीय राजमार्ग-134 पर सिल्कियारा सुरंग के ढहने के बाद इस दुर्घटना के कारणों की जांच करने और सुरंग ढहने /सुरंग निर्माण के लिए अपनाई जाने वाली मानक प्रचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के संबंध में सिफारिशें करने के लिए सरकार ने एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है।
यह जानकारी केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी ने राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।