दिल्ली: हेट स्पीच मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को जितेंद्र नारायण त्यागी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी किया है। जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस विक्रम नाथ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर पूछा है कि जितेंद्र नारायण सिंह की जमानत याचिका पर सरकार का क्या विचार है। सरकार से उसका पक्ष पूछते हुए कोर्ट ने कोर्ट ने कहा कि ये लोग वातावरण को दूषित कर रहे हैं। इस दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि दूसरों को संवेदनशीलता का पाठ पढाने से पहले आपको खुद संवेदनशील होना होना चाहिए। पिछले साल दिसंबर में हरिद्वार स्थित धर्म संसद का जिक्र करते हुए कोर्ट ने कहा- ये लोग संवेदनशील नहीं हैं। ये कुछ लोग सारे वातावरण को दूषित कर रहे हैं।
गौरतलब है कि जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी बने वसीम रिजवी ने पिछले साल हरिद्वार स्थित धर्म संसद में धर्म विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिए थे। इसके बाद उनके खिलाफ केस हो गया था और तब से वो जेल में हैं। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी जिसके बाद रिजवी अब जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। जितेंद्र नारायण सिंह की तरफ से कोर्ट में पेश हुए वकील सिद्धार्थ लूथरा से कोर्ट ने पूछा कि ये धर्म संसद क्या होती है? जवाब में एडवोकेट लूथरा ने कहा कि वो आर्य समाजी हैं और उन्हें नहीं पता कि ये क्या होता है। उन्होंने कहा कि मैने कुछ वीडियो देखे हैं जिसमें कुछ लोग भगवा कपड़ा पहनकर भाषण दे रहे हैं।
इसपर जस्टिस रस्तोगी ने कहा कि समाज का वातावरण खराब करके ये लोग साथ रहते हैं और जिंदगी का आनंद उठाते हैं। इस दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि जितेंद्र नारायण त्यागी चार महीने से हिरासत में है। अब आप उससे और क्या पूछताछ करना चाहते हैं?।